विश्व हिंदू परिषद ने शनिवार को अयोध्या भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय के फैसले को ‘भव्य’ राम मंदिर के निर्माण की दिशा में निर्णायक कदम बताया और केंद्र सरकार से शीर्ष अदालत द्वारा जारी निर्देशों पर त्वरित कदम उठाने का आग्रह किया।
Today is a day of great rejoicing, satisfaction and fulfilment, says Alok Kumar, VHP Working President#AyodhyaVerdict #ITVideo
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अदालत का फैसला कहानी का अंत नहीं शुरुआत है
प्रभा साक्षी पर छपी खबर के अनुसार, विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। यह पूछे जाने पर कि क्या उनका संगठन अब काशी (वाराणसी) और मथुरा मुद्दों को उठायेगा, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला कहानी का अंत नहीं है बल्कि इसकी शुरुआत है।
आज कृतज्ञता का भी दिन है। सबसे पहली कृतज्ञता उन ज्ञात और अज्ञात राम भक्तों के लिए जिन्होंने इन संघर्षों में भाग लिया, कष्ट सहे और अनेकों ने बलिदान दिए। पुरातत्व विभाग, इतिहासज्ञ व अन्य विशेषज्ञों के साथ सभी न्यायविदों व अधिवक्ताओं के प्रति भी हम आभार व्यक्त करते है। pic.twitter.com/KgIdMgii6d
— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) November 9, 2019
विहिप 1984 में रामजन्मभूमि आंदोलन में शामिल हुआ था और इसके साथ-साथ वह वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि से संबंधित मुद्दा उठाता रहा है।
जहां विश्व भर में हिन्दू समाज में अपार प्रसन्नता है वहीं हिन्दू का मर्यादा में रहने का स्वभाव है, इसलिए यह प्रसन्नता आक्रामक नहीं होनी चाहिए। कोई पराजित नहीं हुआ है। समाज का सौहार्द बना रहे इसका सबलोग प्रयत्न करे @AlokKumarLIVE pic.twitter.com/G1B2248MXW
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उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर एक ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया और शहर में एक प्रमुख स्थान पर मस्जिद के निर्माण के लिये वैकल्पिक पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया।
फिलहाल राम मंदिर पर ध्यान
उन्होंने हालांकि कहा कि फिलहाल विहिप का ध्यान अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण पर केंद्रित है और अन्य मांगों को उठाने का अभी उसके पास वक्त नहीं है।
जल्द निर्माण होगा
कुमार ने कहा, ‘‘काशी और मथुरा के बारे मैं निश्चित रूप से यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि उच्चतम न्यायालय का आदेश कहानी का अंत नहीं है बल्कि यह तो शुरुआत है।’’ उन्होंने कहा कि यह अहम फैसला श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण की दिशा में एक ‘‘महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम’’ है, जिसके जल्द निर्मित होने की संभावना है।
दुनिया में सबसे बड़ा न्यायिक फैसला है
कुमार ने फैसले की प्रशंसा की और इसे दुनिया में ‘‘सबसे बड़ा न्यायिक फैसला’’ बताया। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों ने बहुत अच्छी तरह अपनी जिम्मेदारी निभायी।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि अयोध्या में जल्द एक भव्य राम मंदिर बनेगा और दावा किया कि मंदिर के लगभग 60 प्रतिशत खंभे और बीम पहले से ही तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमलोग केंद्र सरकार से उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की दिशा में त्वरित कदम उठाने की अपेक्षा करते हैं।’’
कुमार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले से दुनियाभर में हिंदू खुश हैं। लेकिन खुशी का इजहार आक्रामक नहीं हो सकती है।उन्होंने कहा, ‘‘किसी की हार नहीं हुई है। ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए जिससे किसी की भावना को ठेस पहुंचे या अपमान हो।
हर किसी को सौहार्द, गर्मजोशी और समाज में बंधुत्व बनाये रखने की कोशिश करनी चाहिए।’’ विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष ने अयोध्या में राम मंदिर के लिये संघर्ष करने वाले हिंदुओं, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और वकीलों का शुक्रिया अदा किया और कहा कि उन्होंने अकाट्य सबूत दिये जो अदालत के फैसले का आधार बना।