बाबरी मस्जिद फैसले पर पर्सनल लॉ बोर्ड की चुनौती पर VHP का आया बड़ा बयान!

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अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद रविवार को लखनऊ में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की बैठक हुई।

नई दुनिया पर छपी खबर के अनुसार, बैठक में तय हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी। सभी सदस्यों का मानना है कि वे इंसाफ के लिए अदालत गए थे, कहीं ओर जमीन लेने के लिए नहीं।

इसलिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर नहीं है। बैठक के बाद अरशद मदनी ने कहा, ‘हमें पता है कि याचिका 100 फीसदी खारिज हो जाएगी, फिर हम रिव्यू पीटिशन दाखिल करेंगे। सभी सदस्यों का मानना है कि कोर्ट का फैसला समझ से परे है।

कई मुद्दों पर ठीक से विचार नहीं किया गया। कानून और न्याय की नजर में वहां बाबरी मस्जिद थी, है और कयामत तक मस्जिद ही रहेगी, फिर चाहे उसको कोई भी नाम या स्वरूप क्यों न दे दिया जाए।’

AIMPLB की ओर से सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने वाले वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि मस्जिद के लिए दूसरी जगह जमीन स्वीकार नहीं की जाएगी। एएसआई की रिपोर्ट में पूरी बातें शामिल नहीं की गई। यह राजनीति नहीं है। यह संविधान में दिए गए अधिकारों की तालीम है।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विश्व हिंदू परिषद के महासचिव मिलिंद परांडे ने कहा है कि मुस्लिमों को सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानना चाहिए।

सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण मामले में भी गांधीजी ने मुस्लिमों से ऐसी ही अपील की थी। चूंकि कोर्ट ने सर्वसम्मति से फैसला दिया है, इसलिए मैं मानता हूं कि पुनर्विचार याचिका की जरूरत नहीं है।