विहिप ने गठित की ‘गौ रक्षा’ समितियां, नियुक्त करेगी ‘गौ रक्षक’

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विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ‘गौ रक्षक’ (गौ रक्षक) की नियुक्ति के अलावा, सभी गांवों में ‘गौ रक्षा’ (गाय संरक्षण) समितियों का गठन करेगी।

विहिप किसानों को प्रशिक्षण भी देगी ताकि वे अपने घरों में भारतीय मूल की गायों की देखभाल कर सकें।

विहिप के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय संगठन सचिव (गौ रक्षा संभाग) खेमचंद्र शर्मा ने कहा कि गाय हिंदू समुदाय के लिए भक्ति का केंद्र बिंदु है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति की रक्षा तभी हो सकती है जब हम गायों, गंगा नदी और गांवों की रक्षा करें।


उन्होंने ऐसे समय में गायों की मूल नस्ल (भारतीय मूल के कौवे) की रक्षा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, जब भारतीय मूल की गायों को समाज में कोई जगह नहीं मिल रही है।

उन्होंने कहा, “लोग अपने आर्थिक लाभ के लिए जर्सी गायों को रखने में अधिक रुचि रखते हैं, लेकिन भारतीय मूल की गायों की देखभाल करने की सख्त जरूरत है या वे जल्द ही विलुप्त प्रजाति बन जाएंगी।”

विहिप नेताओं ने कहा कि भारतीय मूल की गायों की संख्या दिन-ब-दिन कम होती जा रही है और अगर यही स्थिति रही तो गायें केवल संग्रहालयों में ही दिखेंगी।

क्षेत्रीय सचिव (विहिप गौ रक्षा) लाल मणि तिवारी ने कहा कि गायों की रक्षा करना प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी होनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि अधिकांश गोशालाएं भ्रष्टाचार के शिकार हो चुकी हैं और कई गाय अपनी जान गंवा रही हैं।