VIDEO: जब मुस्लिम बुजुर्ग से जाकर पीएम मोदी ने जाकर लिया भेंट!

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को धर्मनगरी काशी में एक भव्य रोड शो किया। इस दौरान वाराणसी के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए दिल खोलकर अपना प्यार बरसाया और आशीर्वाद दिया। यह रोड शो बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से निकलकर दशाश्वमेध घाट तक पहुंचा।

इस दौरान जब प्रधानमंत्री मोदी का रोड शो मुस्लिम बहुल इलाके सोनारपुर से होकर गुजर रहा था तभी एक बुजुर्ग ने उन्हें शॉल भेंट करने की कोशिश की।

प्रधानमंत्री मोदी के नजर जब उस बुजुर्ग पर पड़ी तो उन्होंने अपना रोड शो रोककर शॉल लिया और उसे ओढ़ लिया। इस पर वहां मौजूद भीड़ खुशी से झूम उठी।

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो बेहद भव्य रहा। रोड शो के दौरान एक इलाक़ा ऐसा भी पड़ा जहां बड़ी तादाद में मुसलमान रहते हैं। ये इलाका है मदनपुरा। यहां भी मोदी का ऐसा शानदार स्वागत हुआ कि देखने वाले दंग रह गए।

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मदनपुरा इलाक़े में रोड शो के दौरान एक बेहद दिलचस्प और बेहद खास तस्वीर भी देखने को मिली जो ये बताने के लिए काफी है कि मुस्लिमों के दिल में कहां तक पहुंचे हैं मोदी और मोदी के लिए मुस्लिम क्या हैं।

दरअसल गुरुवार को काशी में मोदी का जो मेगा शो हुआ उसमें मज़हब की दीवारें ढह गई। क्या हिंदू, क्या मुसलमान सब खड़े थे मोदी के साथ। इसी दौरान जब मोदी का रोड शो मदनपुरा पहुंचा तभी मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने मोदी को शॉल भेंट करनी चाही।

मोदी भी उन लोगों को देख चुके थे। दूरी ज़्यादा थी, भीड़ चरम पर थीं तो मोदी ने भी इशारों में शॉल देने को कहा। तभी लोगों ने शॉल हवा में उछाली जिसे सुरक्षाकर्मियों से लेकर मोदी ने अपने गले में डाल लिया। ये देखकर लोग जोश से भर गए।

मदनपुरा वो इलाका था जहां मुसलमानों की आबादी बहुत ज्यादा है लेकिन यहां भी मुस्लिम आबादी मोदी के स्वागत के लिए घंटों से खड़ी थी। मुस्लिम बहुल इलाके में मोदी पर गुलाब के फूल बरसाए जा रहे थे जो बता रही थीं कि काशी के मुसलमानों में मोदी का गजब का क्रेज है।

मोदी के इस्तकबाल में मुस्लिम महिलाएं भी पीछे नहीं थीं जो तीन तलाक के लिए मोदी का शुक्रिया करने आई थीं और मोदी की जीत के लिए मन्नत का धागा लेकर पहुंची थीं।

मोदी के रोड शो में बनारस के ऐसे मुसलमान भी मिले जिन्हें लगता है कि मुस्लिमों के बीच जानबूझकर बीजेपी और मोदी का खौफ पैदा किया जाता है।

वैसे काशी के सियासी समीकरण पर गौर करें तो यहां तीन लाख वैश्य हैं, तीन लाख मुसलमान, ढाई लाख ब्राह्मण, दो लाख पटेल, डेढ़ लाख भूमिहार, एक लाख राजपूत और साढ़े तीन लाख ओबीसी। यानी यहां एकमुश्त मुसलमान वोटर किसी की भी जीत और हार तय करने की हैसियत रखते हैं।

हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब काशी में ऐसी तस्वीर दिखी हो। 2017 में भी रोड शो के दौरान मदनपुरा इलाक़े में एक मुस्लिम शख्स ने मोदी को शॉल और गुलदस्ता भेंट करना चाहा था।

गुलदस्ता तो पीएम तक पहुंच गया था लेकिन सफेद शॉल को उस शख़्स ने पीएम की तरफ उछाला जिसे पीएम ने अपने माथे से लगा लिया था। इन तस्वीरों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि काशी के मुसलमान भी मोदी के सम्मान और उन्हें दोबारा पीएम बनाने के लिए सबके साथ खड़े हैं।