चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वालों मुसलमानों के ख़िलाफ़ कड़े प्रतिबंध लगाए जाने के समाचार प्राप्त हो रहे हैं। पवित्र रमज़ान के आरंभ होते ही चीन के मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में सरकारी अधिकारियों, छात्रों और बच्चों के रोज़े रखने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
China has detained as many as 2 million Uyghur Muslims, according to a new report by a US agency on religious freedom. Why is the UNHRC still silent on China's flagrant abuses against the Uyghur minority group? https://t.co/r4YBLdFiYh pic.twitter.com/5eNYIyKIx8
— UN Watch (@UNWatch) May 2, 2019
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, चीन की सरकारी वेबसाइट पर जारी निर्देश के अनुसार, चीन के मुस्लिम बहुल शिनजियांग प्रांत में सरकारी अधिकारियों, छात्रों और बच्चों के रोज़े रखने पर प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की गई है। शिनजियांग प्रांत में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के कैडर इस प्रतिबंध को लागू करने में जुटे हैं।
The Pentagon says China is keeping 3 million Muslims in concentration camps.
But Mike Pompeo says there are "up to" 1 million in "reeducation camps."
When asked about the discrepancy in these details, he tells @margbrennan: "Don't play ticky tack" https://t.co/JBJwgNggDM pic.twitter.com/c1P5lLg06a— CBS News (@CBSNews) May 5, 2019
चीन का दावा है कि शिनजियांग ओइगर ऑटोनॉमस रीजन (एक्सयूएआर) में सामाजिक स्थिरता बरकरार रखने के लिए ऐसा कर रहे हैं। हयूमन राइट्स वाच (एचआरडब्लू) की इसी सप्ताह जारी की गई रिपोर्ट में इस बारे में दावा किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र की नस्ली भेदभाव उन्मूलन समिति ने उइगर मुस्लिमों के साथ किए जा रहे इस व्यवहार पर गंभीर चिंता भी व्यक्त की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रि-एजुकेशनल कैंपों में दौरों के बीच अधिकारी मुसलमानों से उनकी ज़िंदगी और राजनीतिक विचारों के बारे में पूछताछ करते हैं।
https://twitter.com/QasimRashid/status/1123979935830487040?s=19
एक तरह से वे उनका राजनीतिक शुद्धीकरण करना चाहते हैं। एचआरडब्लू की शोधकर्ता माया बैंग ने बताया कि शिनजियांग में रहने वाले मुस्लिम परिवार अपने ही घर में कड़ी निगरानी में रहने को मजबूर हैं। यहां तक कि वे क्या खाते हैं और कब सोते हैं, इस बारे में भी सीपीसी को ख़बर रहती है।
संयुक्त राष्ट्र की निगरानी समूहों का कहना है कि उइगरों मुस्लिमों को चौकसी और सुरक्षा अभियानों के बहाने निशाना बनाया गया है। हज़ारों उइगर मुस्लिमों को हिरासत में रखा गया है और उन्हें विचारधारा बदलने वाले केंद्रों में भेज दिया गया है।
विदेशों से शिनजियांग प्रांत में लौटने वाले सैकड़ों उइगर छात्र ग़ायब हो गए हैं। उनमें से कई हिरासत में हैं और कई हिरासत में मर भी चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र की निगरानी समिति के एक अनुमान के मुताबिक़, 10 लाख से अधिक लोगों को तथाकथित कट्टरता विरोधी शिविरों में क़ैद करके रखा गया है और अन्य 20 लाख को राजनीतिक और सांस्कृतिक विचारधारा बदलने वाले तथाकथित पुनर्शिक्षण शिविरों में जबरन भेजा गया है।
शिनजियांग प्रांत की जेल में दो महीने क़ैद में समय बिताने वाले ओमिर बेकाली ने कहा कि चीन में चल रहे इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य लोगों की धार्मिक सोच ख़त्म कर देना है। इस्लाम में सूअर का मांस खाना वर्चित है।
चीन के इन शिविरों में मुसलमान को शुक्रवार के दिन सूअर खाने को विवश किया जाता है, जबकि यह दिन मुसलमानों के लिए बहुत ही ख़ास होता है।
ओमिर ने बताया कि नमाज़ अदा करने और दाढ़ी बढ़ाने वालों को भी ये लोग कट्टरवादी कहकर हिरासत में ले लेते हैं। ओमिर उन गिने-चुने लोगों में से हैं जो चीन की इन शिविरों से अभी तक बाहर निकल पाए हैं।