लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण संशोधन विधेयक 2019 पेश किया गया। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि मानव तस्करी सिर्फ एक राज्य का विषय नहीं, बल्कि अंतर्राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा है। इसकी भी ज़िम्मेदारी हम NIA को देना चाहते हैं। जीरो टॉलरेंस पर आतंकवाद से लड़ना चाहते हैं, इसलिए यह बिल ला रहे। आतंकवाद किसी एक जिला, एक राज्य, एक क्षेत्र का विषय नहीं है, ये अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा है। हम चाहते हैं NIA किसी भी देश में जाकर जांच कर सके, इसलिए इसको और मजबूत बनाना चाहते हैं।
राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण संशोधन विधेयक 2019 पर लोकसभा में चर्चा के दौरान डॉक्टर सत्यपाल सिंह ने कहा कि आतंकवाद को राजनीति से प्रेरित नहीं होना चाहिए और ये मानवता के खिलाफ है। सत्यपाल सिंह के चर्चा के दौरान AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी लोकसभा में खड़े हो गए और बिल का विरोध करने लगे। इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सुनने की आदत डालिए ओवैसी साहब, इस तरह से नहीं चलेगा।
#WATCH: Union Home Minister Amit Shah says in Lok Sabha,"sunne ki bhi aadat daliye Owaisi Sahab, iss tarah se nahi chalega." Shah said this after AIMIM MP Asaduddin Owaisi objected to a part of BJP MP Satya Pal Singh's speech during discussion on NIA Amendment Bill. pic.twitter.com/QsbwsqYcKp
— ANI (@ANI) July 15, 2019
निचले सदन में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने विधेयक को चर्चा एवं पारित होने के लिये रखा। इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को भारत से बाहर किसी अनुसूचित अपराध के संबंध में मामले का पंजीकरण करने और जांच का निर्देश देने का प्रावधान किया गया है। गृह राज्य मंत्री रेड्डी ने कहा कि इस संशोधन विधेयक का मकसद एनआईए अधिनियम को मजबूत बनाना है। आज आतंकवाद बहुत बड़ी समस्या है, देश में ऐसे उदाहरण हैं जब मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री आतंकवाद के शिकार हुए हैं। आतंकवाद आज अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय समस्या है। ऐसे में हम एनआईए को सशक्त बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि जहां तक एनआईए अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति का विषय है तो हम सिर्फ प्रक्रिया को सरल बनाना चाहते हैं । कई बार जज का ट्रांसफर हो जाता है, पदोन्न्ति हो जाती है, तब अधिसूचना जारी करना पड़ती है और इस क्रम में दो तीन माह चले जाते हैं। हम इसे रोकना चाहते हैं। जजों की नियुक्ति उच्च न्यायालय को करनी है। रेड्डी ने कहा कि हम चाहते है कि एनआईए को भारत के बाहर दुनिया में किसी भी हिस्से में भारतीयों के खिलाफ मामले की जांच करने में सक्षम बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित विधेयक से एनआईए की जांच का दायरा बढ़ाया जा सकेगा और वह विदेशों में भी भारतीय एवं भारतीय परिसम्पत्तियों से जुड़े मामलों की जांच कर सकेगी जिसे आतंकवाद का निशाना बनाया गया हो। उन्होंने कहा कि इसमें मानव तस्करी और साइबर अपराध से जुड़े विषयों की जांच का अधिकार देने की बात भी कही गई है। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण संशोधन विधेयक 2019 उपबंध करता है कि अधिनियम की धारा 1 की उपधारा 2 में नया खंड ऐसे व्यक्तियों पर अधिनियम के उपबंध लागू करने के लिये है जो भारत के बाहर भारतीय नागरिकों के विरूद्ध या भारत के हितों को प्रभावित करने वाला कोई अनुसूचित अपराध करते हैं।