प्रख्यात कवि सुरेंद्र शर्मा अपनी कविता के माध्यम से नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हैं। वह बाबा रामदेव पर भी कटाक्ष करते हैं।
अपनी कविता के माध्यम से, वह क्षेत्रीय पूर्वाग्रह की निंदा करते हैं। वह मीडिया घरानों से अनुरोध करते हैं कि वे उन लोगों के बारे में खबरें न प्रकाशित करें जो देश को विभाजित करना चाहते हैं। वह उनसे अनुरोध करते हैं कि उन्हें टीआरपी और सर्कुलेशन को नहीं देखना चाहिए बल्कि देश के बड़े हित को ध्यान में रखना चाहिए।
शर्मा जोर देकर कहते हैं कि परिवर्तन और अच्छाई को स्वयं से लाया जा सकता है। सांप्रदायिक सौहार्द का पाठ पढ़ाते हुए वे कहते हैं कि मंदिर हो या मस्जिद निर्माण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मिट्टी हमारे देश की ही है। वह सभी धर्मों के अनुयायियों से एकजुट होने का आग्रह करते हैं।
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