VIDEO: प्रोफेसर से अभिनेता तक: अनुभवी अभिनेता कादर खान की यात्रा

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मुंबई: जाने-माने अभिनेता-फिल्म निर्देशक-लेखक-कॉमेडियन कादर खान का कनाडा के टोरंटो के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। उनके परिवार के एक सदस्य ने मंगलवार को इस खबर की पुष्टि की।

उनके निधन पर, प्रोफेसर से अभिनेता तक की उनकी यात्रा पर नज़र डालते हैं।

अफगानिस्तान के काबुल में पश्तून परिवार में 22 अक्टूबर 1937 को जन्मे कादर खान की शुरुआती शिक्षा नगरपालिका के स्कूल में हुई जिसके बाद उन्होंने मुंबई के जोगेश्वरी स्थित सरकारी इस्माइल युसुफ कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की।

वर्ष 1973 में फिल्म ‘दाग’ से अभिनय करियर शुरू करने वाले कादर खान ने 35 सालों के अपने फिल्मी करियर में 300 से अधिक फिल्मों में यादगार किरदार निभाए। उन्होंने 250 से अधिक फिल्मों में हिंदी और ऊर्दू संवाद भी लिखे जिसकी शुरुआत 1974 की फिल्म ‘रोटी’ से हुई।

हास्य व चरित्र किरदारों में कादर खान की यादगार फिल्मों में ‘दाग’, ‘अदालत’, ‘बैराग’, ‘नटवरलाल’, ‘सुहाग’, ‘धन दौलत’, ‘नसीब’, ‘आहिस्ता आहिस्ता’, ‘सत्ता’, ‘राज’, ‘देश प्रेमी’, ‘हिम्मतवाला’, ‘कुली’, ‘घर एक मंदिर’, ‘जॉन जानी जनार्दन’, ‘तवायफ’, ‘लोहा’, ‘शहंशाह’, ‘वर्दी’, ‘बाप नंबरी बेटा दस नंबरी’, ‘प्यार का देवता’, ‘साजन’, ‘बोल राधा बोल’, ‘कुली नंबर वन’, ‘साजन चले ससुराल’, ‘दूल्हे राजा’, ‘आंटी नंबर वन’ और ‘सूर्यवंशम’ सहित कई फिल्में शामिल हैं।

उन्होंने ‘जवानी दीवानी’, ‘बेनाम’, ‘रोटी’, ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘सुहाग’, ‘मिस्टर नटवरलाल’, ‘याराना’, ‘लावारिस’, ‘गंगा जमुना सरस्वती’, ‘खुद्दार’ और ‘आंटी नंबर वन’ सहित कई फिल्मों के संवाद लिखे।

यहाँ उनकी फिल्मों के कुछ हास्य दृश्य हैं:

https://www.youtube.com/watch?v=9Qsv3H7aZKI