VIDEO: संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी के बावजूद मुसलमानों को बनाया जा रहा है निशाना!

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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बेचेलेट ने कहा था कि भारत में गरीबी कम हुई है, लेकिन उन्होंने साथ ही चेतावनी दी है कि विभाजनकारीनीतियों से देश के आर्थिक विकास में रुकावट आएगी।

जेनेवा में बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अपने संबोधन में उन्होंने कहा था कि ‘गरीबी में समग्र रूप से उल्लेखनीय कमी आई है’, लेकिन ‘असमानता एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।’

मिशेल ने कहा, “हमें रिपोर्ट्स मिल रही हैं, जो अल्पसंख्यकों खासतौर पर मुस्लिमों और ऐतिहासिक रूप से वंचित और हाशिए पर रहने वाले लोगों जैसे कि दलितों और आदिवासियों के उत्पीड़न और उन्हें निशाना बनाए जाने का संकेत देती हैं।”

मालूम हो कि असम में रविवार को एक मुस्लिम व्यक्ति को बीफ बेचने के आरोप में भीड़ ने घेर लिया और उसके साथ बदतमीजी की। बताया जा रहा है कि लोगों की भीड़ ने मुस्लिम व्यक्ति को कथित तौर पर गालियां दी और उससे कई सवाल जवाब किए।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना असम के बिश्वनाथ जिले की बताई जा रही है और पीड़ित मुस्लिम शख्स का नाम शौकत अली बताया जा रहा है।

इस घटना का एक वीडियो भी प्रकाश में आया है। जिसमें पीड़ित शख्स कीचड़ में बैठा नज़र आ रहा है और लोगों की आक्रोशित भीड़ ने उसे चारों तरफ से घेरा हुआ है।

इस दौरान वे लोग पीड़ित युवक से पूछ रहे हैं कि क्या तुम्हारे पास बीफ बेचने का लाइसेंस मौजूद है? इसके बाद लोगों की भीड़ पीड़ित मुस्लिम युवक से उसकी राष्ट्रीयता को लेकर सवाल पूछती है कि क्या वो बांग्लादेशी है? क्या तुम्हारा नाम एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स) में मौजूद है?

आपको बता दें कि असम में एनआरसी रजिस्टर तैयार किया गया है, जिसमें जिन लोगों का नाम दर्ज है उन्हें ही असम का नागरिक माना जाएगा, जिस शख्स का इस रजिस्टर में नाम नहीं होगा, उसे भारतीय नागरिक नहीं माना जाएगा।

खबर के मुताबिक, पीड़ित शख्स को कथित तौर पर भीड़ ने सूअर का मांस खिलाने का भी प्रयास किया। वीडियो में दिख रहा है कि लोग, पीड़ित मुस्लिम से यह भी पूछ रहे हैं कि क्या मार्केट में उसके द्वारा बीफ बेचे जाने की जानकारी मार्केट के महालदार यानि कि मैनेजर को है।