उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक स्कूल में बच्चों को पीने के लिए अत्यधिक पतला दूध दिया जा रहा है। क्योंकि एक लीटर दूध को 81 बच्चों में बांटने के लिए इसमें पानी मिलाया जाता है।
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— Piyush Rai (@Benarasiyaa) November 29, 2019
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, ग्राम पंचायत वार्ड के सदस्य देव पाटिया ने आरोप लगाया कि बुधवार को सोनभद्र जिले के सलाईबनवा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय में एक बाल्टी पानी में एक लीटर दूध मिलाया गया और उसे 81 बच्चों में वितरित किया गया।
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इस मामले में शिक्षामित्र को बर्खास्त कर दिया गया और टीचर को निलंबित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि मिड-डे मील भोजनसूची (एमडीएम) के अनुसार, बच्चों को ‘तहरी’ और दूध दिया जाना था। स्कूल के अधिकारियों ने रसोइये को मात्र एक लीटर दूध दिया।
उन्होंने आगे कहा कि उसके बाद एक बाल्टी पानी में वही दूध मिलाकर उसे बच्चों में बांट दिया गया। स्थानीय लोगों ने उन्हें बताया कि स्कूल में पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है।
Sonbhadra: One bucket of water was allegedly mixed into 1 litre of milk to serve 85 students in mid day meal at Salai Banwa Primary School in Kota village. Asst Basic Shiksha Adhikari says, "I am investigating the matter, Action will be taken against the culprits." (27.11.2019) pic.twitter.com/aq1445EgJA
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 29, 2019
वहीं स्कूल हेड शैलेष कनौजिया ने बताया कि स्कूल में 171 बच्चे हैं। उस दिन 81 बच्चे उपस्थित थे। मेरे ऊपर दो स्कूलों की देखरेख की जिम्मेदारी है।
दूध दोनों स्कूलों के लिए उपलब्ध कराना था और मैं सलाईबनवा के प्राथमिक स्कूल में पहुंचे दूध की मात्रा पर निगरानी नहीं रख पाया। रसोइये को दूध उपलब्ध कराया गया, जिसे बच्चों में वितरित किया गया और बच्चों ने उसे पीया।”
वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) गोरखनाथ पटेल ने बताया कि मुझे जैसे ही इस बारे में जानकारी मिली, मैंने स्कूल का निरीक्षण किया और स्कूल के हेडमास्टर से इस मामले में जानकारी मांगी है। ऐसी लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मामले की जांच करने का आदेश दे दिया गया है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की एक टीम मामले की जांच कर दो दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी। जांच में जो भी आरोपी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मुकेश राय ने कहा कि उन्हें स्थानीय लोगों से बच्चों को दिए जाने वाले दूध में पानी की मिलावट की जानकारी मिली है।
मामले की जांच करने के आदेश दिए गए हैं। आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिससे कि ऐसी गलती कोई दोबारा न कर सके।