बीजेपी केंद्रीय मुख्यालय पार्टी को रास नहीं आ रहा है. पिछले साल ही शिफ्ट हुए नए केंद्रीय दफ्तर की आलीशान इमारत अब BJP के लिए अशुभ साबित हो रही है. देशभर में हुए एक के बाद एक चुनावों में BJP को हार का सामना करना पड़ा. छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान से बीजेपी सत्ता से बेदखल हो गई.
LIVE: Media briefing by Dr @sambitswaraj at BJP Head Office, New Delhi. https://t.co/glO99CHIDP
— BJP (@BJP4India) February 22, 2019
पार्टी का इस बिल्डिंग में वास्तुदोष के चलते पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अशोक मार्ग स्थित पार्टी के पुराने मुख्यालय में ही बैठने का फैसला लिया है. शाह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी के पुराने मुख्यालय में वास्तुदोष ठीक कराने के लिए उसमें प्रवेश के लिए एक नया गेट बनवाया था. इसके अलावा भी उन्होंने इसमें कई बदलाव कराए थे.
#LIVE: PC by Dara Singh Chauhan at BJP Central Office, New Delhi https://t.co/tDxuQ4NgIY
— Newsroompost (@NewsroomPostCom) February 4, 2019
पुराने दफ्तर से काम कर पार्टी ने 2014 लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल किया था और शाह का इस जीत में अहम योगदान था. पार्टी के नए मुख्यालय का उद्घाटन पिछले साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था.
BJP blames it’s recent electoral losses on the bad ‘Vaastu’ of its new office in Delhi. Amit Shah is apparently so worried about the ‘Vaastu’ that he’s decided to move back to the old party office.
Poor governance gets ‘Vaastu’ cloak ?https://t.co/n99TbHofDB
— barkha deva (@barkhad) March 2, 2019
इसी दिन त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे. बीजेपी ने 25 साल से सत्ता में काबिज वाम मोर्चा को हराया था. मई में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी बीजेपी सरकार नहीं बना पाई. यही हालत एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी रही.
BJP President @AmitShah & @myogiadityanath to inaugurate new Party office in Bulandshahar on February 6th. Gearing up for #Elections2019 such new offices have been constructed in 51 district HQs of UP pic.twitter.com/ZgtYo2Bbfd
— Sanjay Bragta (@SanjayBragta) January 31, 2019
हालांकि बीजेपी नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का वॉर रूम अशोक रोड स्थित मुख्यालय में है, इसलिए अमित शाह अब ज्यादा समय वहां बैठेंगे. कुछ बैठकों के लिए ही वह नए कार्यालय जाएंगे.