पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक दुर्गा पूजा समिति, थीम संगीत के तौर पर संस्कृत भजन के साथ अजान बजाकर विवादों में आ गयी है। समिति पर कानूनी कार्रवाई होने का खतरा मंडरा रहा है। इस समिति के संरक्षक तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता हैं।
Hindus for Secularism:
🔹Azan in Durga Puja Pandal
🔹Namaz in Ganesh Puja PandalIn return they get from Muslim's:
🔹Attack on Durga Pratima
🔹Harassing Girls during Garba
🔹Threatening Nusrat Jahan Jain for attending Durga Aarti.Wake up Hindu's!🙏pic.twitter.com/PRgOmL9B6Z
— Sushil Sancheti 🇮🇳 (@SushilSancheti9) October 7, 2019
बहरहाल, आयोजक इस बात पर जोर देर रहे हैं कि इस साल पूजा के लिए समिति ने ‘सांप्रदायिक सौहार्द’ की थीम का चयन किया था। इसी के तहत ऐसा किया गया।
'Azan' during Durga Puja : In a KOLKATA Puja Islam's Azan was offered (to hurt relgius sentimnts of Hindus?). It seems Kolkata PPL has no sntimnts. It was dsigned by Puja orgnisrs to humliate HINDUS. An FIR b lodged AGNST them. G/Bengal shud stop annual donation to Puja comites
— Chittaranjan Nath (@Crnath113) October 8, 2019
प्रभात खबर पर छपी खबर के अनुसार, उत्तर कोलकाता के एक पंडाल के अंदर कुछ आगंतुकों ने शिकायत की कि संस्कृत के भजनों के साथ-साथ अजान की आवाज आ रही थी। अजान मस्जिद से होती है और यह लोगों को मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए बुलाने के लिए होती है।
Yesterday, Azaan was played in Durga Puja pandal in Bengal, organized by TMC leader Paresh Paul.
It's not Haram but a Secular move.
Today, TMC MP Nusrat Jahan attended Durga Puja in Bengal.
A cleric from Darul Uloom Deoband called it haram in Islam.
What about Secularism now?
— Anshul Saxena (@AskAnshul) October 7, 2019
बहरहाल, पूजा समिति ने अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि ऐसा सामुदायिक पूजा की थीम के तहत किया गया है, जो सांप्रदायिक सौहार्द है।
कलकत्ता हाइकोर्ट के वकील शांतनु सिंह ने कहा कि उन्होंने बेलियाघाटा थाना में शुक्रवार को शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया है कि आयोजक दुर्गा पूजा पंडाल में अजान की इजाजत देकर पश्चिम बंगाल की ‘शांति व्यवस्था’ में खलल डाल रहे हैं।
परेश पाल ने कहा कि समावेश की भावना को पेश करने के लिए पूजा पंडालों को मंदिर, चर्च और मस्जिद का रूप दिया गया है। पाल ने कहा कि पूजा समिति किसी संगठन या व्यक्ति से भयभीत नहीं होगी। उन्हें प्राथमिकी दर्ज कराने दें या कानूनी रास्ता अपनाने दें। हम लड़ेंगे।
उन्होंने कहा, ‘क्या हिंदू, मुसलमान की ओर से दी गयी इफ्तार की दावत में शामिल नहीं होते हैं? क्या मुस्लिम विजय दशमी नहीं मनाते हैं? बंगाल का विश्वास हमेशा से एकजुटता में रहा है… जिन लोगों को बंगाल की दुर्गा पूजा के बारे में कोई समझ नहीं है, वे नफरत का संदेश फैला रहे हैं।