VIDEO: इस्लाम में ‘जहज़’ की मांग करना एक पति की मर्दानगी के खिलाफ है: डॉ असलम परवेज

   

इस वीडियो में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू के उप-कुलपति मोहम्मद असलम परवेज ने ‘जहज़’ या दहेज के खिलाफ एक बहुत ही प्रेरणादायक और सोचा-समझा व्याख्यान दिया। कुरान अयाह का हवाला देते हुए वह दावा करते हैं कि इस्लाम में यह हराम है। वह कहते हैं कि कुरान ने ‘खमर’ और ‘मयसार’ को मना किया है।

उनका कहना है कि ‘मयसर’ शब्द का अनुवाद ‘जुआ’ के रूप में किया गया है क्योंकि यह एकमात्र पैसा था जो उस समय बिना किसी प्रयास के अर्जित किया गया था। जहाँ ‘मयसर’ का सही अनुवाद आसान पैसा है। बिना मेहनत के मिलने वाली हर कमाई ‘मयसर’ है और दहेज उनमें से एक है।

डॉ परवेज का कहना है कि पति और पत्नी का रिश्ता प्यार और स्नेह पर आधारित है। लेकिन अगर पति दहेज की मांग करता है तो पत्नी यह कभी नहीं भूल सकती कि उसके पति और ससुराल वालों की मांगों को पूरा करने के लिए उसके माता-पिता को क्या-क्या करना पड़ा। इसलिए वह अपने पति और ससुराल वालों को कभी उचित सम्मान और प्यार नहीं देगी।

यह कहते हुए कि दहेज की मांग करना एक पति की मर्दानगी के खिलाफ है, डॉ परवेज़ युवा छात्रों को इस परंपरा से दूर करने का आह्वान करते हैं।