सऊदी अरब के सरकारी मीडिया ने गृह मंत्रालय के हवाले से बताया है कि शनिवार को सऊदी अरामको के दो तेल संयंत्रों पर ड्रोन से हमला किया गया है।
आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी ने बताया कि सुबह चार बजे अरामको के औद्योगिक सुरक्षा दलों ने अब्कैक और खुरैस में अपने संयंत्रों में ड्रोन हमले के कारण लगी आग से निपटना शुरू कर दिया है। एजेंसी ने जानकारी दी है कि संयंत्रों में आग पर काबू पा लिया गया है।
Drones hit world's largest oil processing facility in Saudi Arabia https://t.co/xZbvrMmXvO via @TOIBusiness
— The Times Of India (@timesofindia) September 14, 2019
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, बयान में कहा गया है कि राज्य के पूर्वी प्रांत में हमले के बाद जांच शुरू की गई है, लेकिन अभी तक ड्रोन के स्रोत पता नहीं चला है।
Drone attacks on two Saudi Aramco factories in Abqaiq and Khurais provinces sparked fires that the state oil company brought under control, the Saudi interior ministry spokesman said. More here: https://t.co/kGN6ZrIosg pic.twitter.com/2IiFRVXUWh
— Reuters (@Reuters) September 14, 2019
पिछले महीने, यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा किए गए एक हमले से अरामको के शायबा प्राकृतिक गैस द्रवीकरण सुविधा में आग लग गई थी, लेकिन कंपनी द्वारा किसी भी हताहत की सूचना नहीं दी गई थी।
हाल के महीनों में, हूती विद्रोहियों ने सऊदी हवाई ठिकानों और अन्य सुविधाओं को निशाना बनाते हुए सीमापार मिसाइल और ड्रोन हमलों से हमला शुरू किया। जिसके लिए कहा गया कि यह हमले यमन के विद्रोही-कब्जे वाले क्षेत्रों पर सऊदी के नेतृत्व द्वारा हवाई युद्ध करने के खिलाफ किया जा रहा है।
Drone attacks target major Saudi Aramco processing facility and oilfield – Saudi Interior Ministry pic.twitter.com/PC6ShiOa2o
— TRT World Now (@TRTWorldNow) September 14, 2019
लेकिन अरामको पर हुए हमले के लिए अभी तक विद्रोहियों की ओर से कोई जिम्मेदारी नहीं ली गई है। बता दें कि सऊदी अरामको सऊदी अरब की राष्ट्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस कंपनी है। यह राजस्व के मामले में दुनिया की कच्चे तेल की सबसे बड़ी कंपनी है।
इससे पहले भी अरामको को आतंकवादी निशाना बनाते रहे हैं। अल-कायदा के आत्मघाती विस्फोटकों ने फरवरी 2006 में इस तेल कंपनी पर हमला करने की कोशिश की थी लेकिन वे नाकाम रहे थे।