अमेरिका: चुनाव जीतकर संसद पहुंची इल्हान उमर ने हिजाब पहनकर लिया शपथ, रच दी इतिहास

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अमेरिका में पिछले साल नवंबर में मध्यावधि चुनावों में जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस तक पहुंची दो मुस्लिम महिलाओं में से एक इल्हान उमर ने एक और इतिहास रच दिया है। इल्हान हिजाब पहनकर शपथ लेने वाली पहली अमेरिकी मुस्लिम महिला हैं। गुरुवार को उन्होंने अपने सिर पर हिजाब बांधकर शपथ ली।


इल्हान 14 साल की उम्र में सोमालिया से एक शरणार्थी के तौर पर अमेरिका आईं थी। डेमोक्रेट पार्टी से चुनी गईं 37 वर्षीय इल्हान ने हाउस फ्लोर पर सिर ढकने पर लगे प्रतिबंध को खत्म करने की शुरुआत की। डेमोक्रेट्स सदस्यों के नियमों के पैकेज को मंजूरी मिलने की वजह से उनके लिए राह आसान बनी।

इस पैकेज के तहत सिर पर धार्मिक कपड़ा बांधने की इजाजत दी गई है। हालांकि बेसबॉल टोपी या हैट पहनकर शपथ लेने की अनुमति अभी भी नहीं दी गई है। यही नहीं इल्हान ने पवित्र कुरान पर हाथ रखकर पद की शपथ ली।

इल्हान उमर ने नवंबर में चुनाव जीतने के बाद से ही इस नियम के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी थी। जीत के बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था, ‘मेरे सिर पर स्कार्फ किसी अन्य ने नहीं बल्कि मैंने खुद बांधा है।

यह मेरी पसंद है, जिसकी रक्षा पहले संशोधन से की गई है। और यह आखिरी प्रतिबंध नहीं है, जिसके खिलाफ मैं आवाज उठाने वाली हूं।’ स्पीकर चुनी गईं नेन्सी पैलॉसी और सदन नियम समिति के चेयरमैन जिम मैक्गवर्न ने उनकी मांग को स्वीकार करते हुए इस बदलने वाले नियमों के पैकेज में शामिल किया था। हालांकि उनके साथ चुनी गई दूसरी मुस्लिम महिला राशिदा तालिब हिजाब नहीं पहनती हैं।

सदन में किसी भी तरह की टोपी, स्कार्फ या अन्य कपड़ा बांधने पर रोक का नियम करीब 180 साल पुराना है। वर्ष 1837 से इस पर प्रतिबंध लगा हुआ था। ब्रिटिश संसद के जमाने से चले रहे नियम के तहत सदन में प्रत्येक सदस्यों या मेहमानों को अपनी टोपी उतार कर रखनी पड़ती थी।

सोमालिया में गृह युद्ध छिड़ने के बाद 1991 में इल्हान का परिवार केन्या के शरणार्थी कैंप में रहने लगा। यहीं इल्हान का बचपन बीता और उनकी राजनीति में रुचि बढ़ने लगी। बेहतर भविष्य की तलाश में उनका परिवार 1995 में अमेरिका आ गया। वह अमेरिकी प्रांत मिनेसोटा की प्रतिनिधि सभा के लिए भी चुनी गईं।

साभार- ‘हिन्दुस्तान लाइव’