VIDEO: पुलवामा आतंकी हमले पर इमरान खान का पुरा स्पीच!

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पुलवामा आतंकी हमले के बाद पहली बार पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की ओर से बयान आया है। उन्होंने भारत को सफाई देते हुए कि पुलवामा हमले में हम झूठा आरोप लगाया है। अगर आप हम पर कार्रवाई करेंगे तो हम भी जंग के लिए तैयार हैं।

इमरान खान ने कहा कि भारत दुनिया की किसी भी एजेंसी से जांच करा लो, हम तैयार हैं। हम दहशतगर्दी पर भी बात करने को तैयार हैं। भारत सोचे कि कश्मीर के युवा मरने-मारने पर क्यों उतर आए?


इमरान खान ने कहा कि क्यों पाकिस्तान जब स्थायित्व की तरफ जा रहा है, तब हम क्यों दहशतगर्दी की तरफ जाएंगे? मैं भारत सरकार से कहना चाहता हूं कि आप बार-बार पाक को क्यों जिम्मेदार बताते रहेंगे। हम स्टेबिलिटी चाहते हैं।

हमारा अब नया पाकिस्तान है। आप किसी भी तरह की जांच कराना चाहते है तो हमें बताएं। हम एक्शन लेंगे। ये इसलिए लेंगे क्योंकि अगर कोई पाकिस्तान की जमीन इस्तेमाल कर रहा है तो कार्रवाई होगी।

भास्कर डॉट कॉम के अनुसार, इमरान ने कहा कि हमारे यहां सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस का दौरा था। इसलिए अब तक जवाब नहीं दिया। हम उनका दौरा लंबे वक्त से तय कर रहे थे। ऐसे में हम क्यों हमले की प्लानिंग करते? इससे हमें क्या फायदा है? आतंकवाद से पाकिस्तान को 100 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है। इसके चलते हमारे यहां 70 हजार लोगों की जान जा चुकी है।

हर दिन भारत की तरफ से बदले लेने की बात सामने आ रही है। इससे पड़ोसी देश पाकिस्तान में बेहद तनाव में है। उसने इस तनाव को कम करने के लिए भारत से बात न करके अब यूएन से अपील की है।

कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को खत लिखकर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में उनकी मदद मांगी है। विदेशमंत्री कुरैशी ने खत में लिखा कि भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई का डर बनाया जा रहा है। आपको इस तरफ ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस हमले के लिए पाकिस्तान की जिम्मेदार ठहराना बेतुकी बात है। क्योंकि पुलवामा हमला खुद ही एक कश्मीर के बाशिंदे ने किया था। पुलवामा हमले के बाद दोनों देशाों में तनाव की स्थिति बन गई है। दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायुक्त भी वापस बुला लिए हैं।

बता दें कि कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इसकी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद संगठन ने ली थी। इसका मुखिया मसूद अजहर पाकिस्तान में छिपा बैठा है। भारत सरकार पर पाकिस्तान पर कार्रवाई करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है।