कमेटी के एक सदस्य ने संगीत को तब तक बंद करने का निर्देश दिया जब तक अजान के स्वर लाउडस्पीकर पर सुनाई देेते रहे। कमेटी के सदस्यों ने जोर से कहा कि हमें भी दूसरे धर्म का सम्मान करना चाहिए… तभी मुझे महसूस हुआ कि हमारा भाईचारा एकदूसरे का सम्मान करना सिखाता है।
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जहां लोग धर्म के नाम पर दंगे करने कराने को तैयार रहते हों वहां अगर सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम हो सच में विजयादशमी सही अर्थ समझ में आता है। इस मिसाल की प्रशंसा हो रही है और संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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गुवाहाटी के शांतिपुर स्विस गेट पूजा कमेटी के लोग दुर्गा प्रतिमा ब्रह्मपुत्र में विसर्जित करने जा रहे थे। वे महात्मा गांधी रोड से आगे बढ़े थे कि रास्ते में मुस्लिम बाहुल्य माछखोवा क्षेत्र में लाउडस्पीकर पर अजान सुनाई दी।
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ऐसे में दुर्गा पूजा कमेटी के सदस्यों ने सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम करते हुए बज रहे संगीत और ढाक को बंद करने का निर्देश दिया। इस बात की प्रशंसा सैयदा शाहनाज अनवर ने फेसबुक पेज पर की है। उन्होंने सभी हिंदुओं को धन्यवाद लिखा है।
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सैयदा ने लिखा है कि मैं हिंदुओं की क्यों आभारी हूं यह सभी को जानना चाहिए। जब शांतिपुर पूजा कमेटी के लोग मां की प्रतिमा के विसर्जन के लिए जा रहे थे तब माछखोवा में अजान शुरू हो चुकी थी।
डेली न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, कमेटी के एक सदस्य ने संगीत को तब तक बंद करने का निर्देश दिया जब तक अजान के स्वर लाउडस्पीकर पर सुनाई देेते रहे। कमेटी के सदस्यों ने जोर से कहा कि हमें भी दूसरे धर्म का सम्मान करना चाहिए… तभी मुझे महसूस हुआ कि हमारा भाईचारा एकदूसरे का सम्मान करना सिखाता है।
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माछखोवा के लोगों ने इसे महसूस किया और मैं उनकी ओर से तहेदिल से धन्यवाद करती हूं। सोशल मीडिया पर संदेश दिया जा रहा है कि यही भारत की असली तस्वीर है।
अनवर कहती हैं कि किसी को धर्म पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। हम यहां परिवार की तरह रहते हैं। मैं अपने पोस्ट के जरिए प्यार का संदेश देना चाहती हूं।