अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय में रोजाना सुनवाई के अलावा चल रहीं तरह-तरह की कवायदों के बीच यहां गुरुवार को इंडियन मुस्लिम फॉर पीस के बैनर तले बुद्धिजीवियों ने अयोध्या में विवादित जमीन का टुकड़ा केंद्र सरकार को दिए जाने की वकालत की है। अयोध्या प्रकरण का अदालत से बाहर निराकरण तलाशने के लिए मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने प्रदेश की राजधानी के एक होटल में बैठक की।
A major twist in temple tussle. Muslim scholars offer olive branch & say they are ready to relinquish claim to Babri Masjid for sake of harmony. So why are radicals stonewalling the pitch for peace?
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— TIMES NOW (@TimesNow) October 10, 2019
इस बैठक में प्रस्ताव रखा गया कि विवादित भूमि का टुकड़ा केंद्र सरकार को दे दिया जाना चाहिए। बैठक में बताया गया कि शीर्ष अदालत में यदि मुस्लिम पक्ष जीत भी जाए, तब भी वे भूमि केंद्र को दे देने का प्रस्ताव रखेंगे, बशर्ते सरकार मुस्लिमों के अन्य धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
Former Aligarh Muslim University (AMU) Vice-Chancellor Lt General (retired) Zameer Uddin Shah said he strongly supported an out-of-court settlement. #AyodhyaHearing #babrimasjid https://t.co/Xz7LIX8MOq
— Outlook India (@Outlookindia) October 11, 2019
न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, इसके साथ ही, इस मामले का हल अदालत के बाहर बातचीत से निकाले जाने का प्रस्ताव भी रखा गया।
इस बैठक में पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल जमीरउद्दीन शाह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत होगा, किन्तु बेहतर यह होगा कि आपसी सुलह से मामला हल हो जाए, ताकि हिंदू-मुस्लिम एकता कायम रहे. उन्होंने कहा कि वह हिंदुस्तान में अमन के हिमायती हैं। देश में शांति व सद्भाव के लिए विवादित भूमि का टुकड़ा केंद्र सरकार को दे दिया जाना चाहिए।