भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने गुरुवार को करतारपुर कॉरीडोर समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए।
#KartarpurCorridor becomes reality. India Pakistan signing framework agreement at Zero line in Gurdaspur pic.twitter.com/iweHwGR1ZN
— Abhishek Jha (@abhishekjha157) October 24, 2019
सिख तीर्थयात्रियों के सुविधाएं
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक के पास की सीमा से महज 4.5 किलोमीटर की दूरी पर है। यह पवित्र स्थल कॉरिडोर (गलियारे) के माध्यम से पूरे वर्ष भारतीय तीर्थ यात्रियों के लिए सुलभ रहेगा।
India, Pakistan sign agreement to operationalise Kartarpur corridorhttps://t.co/iAeaCfWZEF pic.twitter.com/w2dxKRiifC
— Hindustan Times (@htTweets) October 24, 2019
भारत पाकिस्तान के अधिकारियों ने समझौते पर किया हस्ताक्षर
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, दोनों देशों के अधिकारी जीरो पॉइंट पर पहुंचे और वहां समझौते पर हस्ताक्षर किए। 9 नवंबर को भारत में इस कॉरीडोर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान करेंगे।
भारत को इस बात पर आपत्ति
इससे पहले बुधवार को समझौते की घोषणा की जानी थी, लेकिन दोनों पक्षों के बीच तारीख पर सहमति नहीं बन पाई थी। हालांकि भारत को अभी भी श्रद्धालुओं से 20 डॉलर लेने के मसौदे पर एतराज है।
पाकिस्तान लेगा शुल्क
भारत के विरोध के बावजूद कॉरिडोर के इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान तीर्थयात्रियों से शुल्क लेगा। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था 5 और दूसरा जत्था 6 नवंबर को रवाना होगा।
सिखों के लिए पवित्र स्थल
करतारपुर कॉरीडोर सिखों के लिए सबसे पवित्र जगहों में से एक है। करतारपुर साहिब सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देवजी का निवास स्थान था।