VIDEO: यहाँ जानिये बिस्मिल्लाह पढ़ने से कैसे शैतान चला जाता है दूर!

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“बिस्मिल्लाह” एक ऐसा लफ्ज़ है जो हर मुसलमान के लिए एक पाक और मुक़द्दस लफ्ज़ की हयसियत रखता है। बिस्मिल्लाह का आसान और साफ़ मतलब “अल्लाह के नाम पर” है। हमें अपनी ज़िन्दगी में बिस्मिल्लाह को ज़रूर शामिल करना चाहिए।

जाबिर र.अ. से रिवायत है कि पैगंबर (SAW) ने फ़रमाया “अगर कोई आदमी घर में दाखिल होते वक़्त और खान खाते वक़्त अल्लाह को याद करता है, तो शैतान कहता है: रात ठहरने के लिए यहाँ कोई जगह नहीं और खाना भी नहीं। और अगर कोई आदमी घर में दाखिल होते वक़्त और खान खाते वक़्त अल्लाह को याद नहीं करता है तो शैतान कहता है: मुझे रात बिताने के लिए भी जगह मिली और खाने के लिए खाना भी।”

इस दुनिया में हमें कुछ ही दिन जीना है, इसीलिए हमें इस ज़िन्दगी को अल्लाह की खुशी और उसकी नेअमतों के हासिल करने लिए खर्च करना चाहिए। अल्लाह हकीक़त में खुश होगा जब उसके बन्दे जो कुछ भी कर रहे हैं उसमें उसका नाम पुकारेंगे। और बिस्मिल्लाह के साथ शुरू होने वाले हर अच्छे कामों में अल्लाह उनका साथ देगा।

इस्लाम में नमाज़ की बहुत एहमियत है। हर मुसलमान को नमाज़ अदा करनी चाहिए। पुरुष हो या महिला नमाज़ बेहद ज़रूरी है। जब हम सुबह फज्र की नमाज़ के लिए उठते हैं तो शैतान हमें सहलाता है कि हम नमाज़ न पढ़े और अल्लाह की इबादत से महरूम हो जाएं। अगर हमें शैतान को हराना है तो हमें बिस्मिल्लाह ज़रूर पढ़ना चाहिए।