VIDEO: कश्मीर में शांति के साथ लोगों के अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए- फ्रांसीसी राष्ट्रपति

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फ्रांस ने कश्मीर मामले पर भारत का साथ दिया है। गुरुवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साझा बयान में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में भारत और पाकिस्तान को ही द्विपक्षीय तरीके से हल खोजना होगा।

किसी तीसरे पक्ष को इसमें हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और न ही क्षेत्र में हिंसा फैलाने की कोशिश हो। मैक्रों ने कहा कि कश्मीर में शांति के साथ लोगों के अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए।


इससे पहलेमैक्रों ने गुरुवार को मोदी से शान्तियी शहर में मुलाकात की। मैक्रों ने यहां मोदी को फ्रांस की प्राचीन धरोहर शैटो डी शान्तियी (शान्तियी के महल) की सैर कराई। इस दौरान उन्होंने मोदी को सैकड़ों साल पुराने महल का इतिहास बताया।

दोनों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक द्विपक्षीय वार्ता हुई।बैठक के बादसाझा प्रेस कॉन्फ्रेंस मेंमोदी ने कहा कि जी-7 समिट के लिए राष्ट्रपति मैक्रों का आमंत्रण मेरे प्रति उनके मैत्री भाव का उदाहरण है।

भास्कर डॉट कॉम के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म का मुकाबला करने में भारत को फ्रांस का बहुमूल्य समर्थन मिला है। उन्होंने इसके लिए मैक्रों का धन्यवाद किया।

मोदी ने इसे दोनों देशों की दोस्ती के लिए यादगार पल बताते हुए कहा, “हेरिटेज साइट पर मेरा और मेरे डेलिगेशन का भव्य और स्नेहपूर्वक स्वागत किया गया। इसके लिए मैक्रों का शुक्रिया।”प्रधानमंत्री ने जी-7 के एजेंडे को पूरा करने में भारत के सहयोग पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा कि फ्रांस और भारत की दोस्ती लिबर्टी (स्वतंत्रता), इक्वैलिटी (समानता) और फ्रेटरनिटी (बंधुत्व) के ठोस आदर्शों पर टिकी है। हमने कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। आज आतंकवाद, पर्यावरण, क्लाइमेट चेंज और तकनीक में समावेशी विकास की चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत और फ्रांस मजबूती से साथ खड़े हैं।”

“इंटरनेशनल सोलर अलायंस भारत और फ्रांस की पहल है। आज फ्रांस और भारत एक दूसरे के भरोसेमंद पार्टनर हैं। अपनी कठिनाइयों में हमने एक दूसरे का नजरिया समझा है और साथ भी दिया है।

मैरीटाइम और साइबर सिक्योरिटी में भी हमने सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। हिंद महासागर में सुरक्षा और सभी के लिए प्रगति सुनिश्चित करने के लिए यह उपयोगी होगा।”

मोदी ने कहा, “2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होंगे तब तक हमने न्यू इंडिया के कई लक्ष्य रखे हैं। हमारा एक लक्ष्य है भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाना।

अपने आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिए हम स्किल डेवलपमेंट, आईटी और स्पेस में नए इनीशिएटिव के लिए तत्पर हैं। फ्रांस पहला देश है जिसके साथ हमने न्यू जेनरेशन सिविल एग्रीमेंट साइन किया है। हमने कंपनियों से आग्रह किया है कि वे जैतापुर न्यूक्लियर प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ें।”

पीएम नेकहा, “2021-22 में पूरे फ्रांस में भारतीय सांस्कृति फेस्टिवल नमस्ते फ्रांस का आयोजन होगा। मैं जानता हूं कि योग फ्रांस में लोकप्रिय है। मुझे आशा है कि फ्रांस के मेरे दोस्त इसे स्वस्थ जीवनशैली के लिए अपनाएंगे।”

फ्रांस ने कश्मीर मामले पर भारत का साथ दिया है। मोदी के साथ साझा बयान में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले का हलभारत और पाकिस्तान को ही द्विपक्षीय तरीके से खोजना होगा।

किसी तीसरे पक्ष को इसमें हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और न ही क्षेत्र में हिंसा फैलाने की कोशिश हो। मैक्रों ने कहा कि कश्मीर में शांति के साथ लोगों के अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए।

मोदी गुरुवार को ही जी-7 समिट में हिस्सा लेने चार्ल्स डी गॉल एयरपोर्ट पहुंचे। यहांफ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-वेस ले ड्रियन ने उनका रेड कारपेटपर स्वागत किया। भारतीय समुदाय भी बड़ी संख्या में मोदी को देखने के लिए एयरपोर्ट पहुंचा।

इस दौरान प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा कि भारत और फ्रांस सालों से द्विपक्षीय और बहुपक्षीय तरीके से काम कर रहे हैं। इस दौरे सेफ्रांस की लीडरशिप के साथ पिछली वार्ता के दायरे बढ़ेंगे।फ्रांस केराष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोंके निमंत्रण पर मोदी बियारेट्ज शहर में 24-26 अगस्त कोहोने वाले 45वें जी-7 समिट में साझेदार के तौर पर शामिल होंगे।

जी-7 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री के पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, समुद्री सहयोग और डिजिटल परिवर्तन जैसे मुद्दों पर विचार रख सकते हैं। ज