कहते हैं प्रतिभाएं उम्र नहीं देखती है। जिसे साबित किया है हैदराबाद के मलकपेट के रहने वाले 11 वर्षीय हसन अली ने। सातवीं क्लास में पढ़ने वाले हसन ने इंजीनियरिंग कोचिंग करने वाले छात्रों को पढ़ाने का न्यौता दिया है। जिसको लेकर वो गंभीर भी हैं। महज सातवीं क्लास में पढ़ने वाले हसन ने 12 वीं से भी आगे तक कि किताबों पर गहन अध्ययन किया है।
जिसके दम पर ही हसन ने इंजीनियरिंग कोचिंग करने वाले छात्रों को पढ़ाने का दावा किया है। हसन को अद्भुत प्रतिभा का धनी माना जा रहा है। बेहद कम उम्र में ही हसन ने ऑटोकैड, 2-D, 3-D, रेविट आर्किटेक्चर, MEP, STAAD Pro आदि में महारत हासिल कर ली है।
Hyderabad: Mohammed Hassan Ali, a class 7 student teaches designing & drafting to 30 civil, mechanical & electrical engineering students, says, 'I've been teaching for the last 1 year. Internet is my learning resource. I don't charge fees as I want to do something for my country" pic.twitter.com/6m4ii5AVwH
— ANI (@ANI) October 31, 2018
इन सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन्स के अलावा हसन की किताबी ज्ञान भी काफी अच्छी है। हसन की प्रतिभा को देखते हुए हाल ही में एक इंजीनियरिंग कॉलेज ने उन्हें सम्मानित किया। हसन की बहुमुखी प्रतिभा देखकर लोग यही कहते हैं। हैदराबाद का ये पोट्टा आगे चलकर देश का नाम जरूर रौशन करेगा। हसन अपने छात्रों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए कोई फीस नहीं लेते हैं और 2020 के अंत तक एक हजार इंजीनियर्स को पढ़ाना चाहते हैं।
हसन अपनी पढ़ाई, इंजीनियरिंग की पढ़ाई और फिर इंजीनियरिंग छात्रों को पढ़ाना वो सबकुछ कैसे मैनेज करते हैं, इस पर हसन ने बताया कि ‘मैं एक साल से पढ़ा रहा हूं।
मैं सुबह स्कूल जाता हूं और 3 बजे घर वापस आता हूं। मैं खेलता हूं और अपना होमवर्क करता हूं। इसके बाद शाम 6 बजे तक मैं पढ़ाने के लिए कोचिंग चला जाता है।
हसन बताते हैं, ‘मैंने इंटरनेट पर एक वीडियो देखा था, जिसमें बताया गया था कि भारतीय छात्र पढ़ाई के बाद भी विदेश में छोटी-मोटी नौकरियां कर रहे थे। मैंने सोचा कि हमारे इंजीनियर एक खास मामले में पिछड़ जाते हैं और वह चीज थी ‘कम्युनिकेशन स्किल’।
हमारे यहां के छात्र कम्युनिकेशन में काफी कमजोर रहे हैं इसलिए पिछड़ जाते हैं। वहीं मेरा पसंदीदा विषय डिजाइनिंग था तो मैंने इस दिशा में काम शुरू कर दिया।