कोरोना वायरस से लड़ाई में अब नोएडा पूरे देश में मददगार बनने जा रहा है। न्यूलाइफ कंसल्टेंट एंड डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी शहर में एक लाख रैपिड एंटीबॉडीज टेस्ट किट प्रतिदिन तैयार करेगी।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की ओर से सोमवार को अनुमति मिलने के बाद कंपनी की नोएडा सेक्टर-7 स्थित तीन लैब में किट का उत्पादन शुरू हो गया है।
पहले चरण में कंपनी ने उप्र सरकार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल के माध्यम से 200 किट उपलब्ध कराई हैं।
रैपिड एंटीबॉडीज टेस्ट किट के माध्यम से कोरोना संक्रमित व संदिग्धों की जांच रिपोर्ट न्यूनतम पांच और अधिकतम 15 मिनट में सामने आ जाएगी।
इसका खर्च भी 500 से 600 रुपये के बीच होगा। अब यह देश की पहली कंपनी बन गई है, जो कोरोना के लिए रैपिड एंटीबॉडीज टेस्ट किट का निर्माण शुरू कर रही है।
अभी तक कोरोना संक्रमित व संदिग्धों की जांच के लिए अस्पताल केवल रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलिमरेस चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर टेस्ट) किट पर आश्रित है, जिसमें इस बात की जानकारी डॉक्टरों को हासिल करनी पड़ रही है कि व्यक्ति में कोरोना वायरस मौजूद है या नहीं।
इसके लिए व्यक्ति के रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट, थ्रोट स्वैब या नाक के पीछे वाले गले के हिस्से से सैंपल लिया जाता है।
डॉक्टरों को रिपोर्ट 24 से 48 घंटे में प्राप्त होती है, लेकिन रैपिड एंटीबॉडीज टेस्ट किट में ब्लड का इस्तेमाल होता है, ताकि वायरस के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया का पता लगाया जा सके।
कंपनी की तीन लैब सेक्टर-7 स्थित डी-5, डी-18, डी-22 में मौजूद है। प्रत्येक लैब में शारीरिक दूरी के साथ 45 से 50 कर्मचारियों की जरूरत है। इसके लिए शासन व प्रशासन से सहयोग मांगा है।
अनुमति मिलते ही अगले सप्ताह से रोज एक लाख किट का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। इस कार्य में डॉ. शालिनी शर्मा, डॉ. शीलू, डॉ. अफीफा, डॉ. जहीर अहमद और डॉ. अब्बास की टीम काम कर रही है।
नदीम रहमान (निदेशक, न्यूलाइफ कंसल्टेंट एंड डिस्ट्रीब्यूटर प्रा. लि.) का कहना है कि रैपिड एंटीबॉडीज टेस्ट किट को परीक्षण के लिए नौ अप्रैल को पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल भेजा गया था।
वहां टेस्ट किट के पास होने के बाद आइसीएमआर ने इसके निर्माण की अनुमति दे दी है।
उधर, अनिल कुमार (उपायुक्त, जिला उद्योग केंद्र) ने बताया कि सरकार के निर्देश मिलने के बाद अथक प्रयास से इस किट का नोएडा में निर्माण शुरू कराने में सहायता मिली है। विभाग के प्रमुख सचिव का विशेष योगदान है।