पहलू खान मॉब लिंचिंग: राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला!

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राजस्थान के अलवर में भीड़ हिंसा में मारे गए पहलू खान लिंचिंग मामले में राजस्थान हाई कोर्ट का बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पीड़ितों पर दर्ज एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया है।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, ये एफआईआर पहलू खान के दोनों बेटों और ड्राइवर पर गो तस्करी के आरोप में की गई थी।

जस्टिस पंकज भंडारी की एकलपीठ ने पहलू खान के बेटे इरशाद और ड्राइवर खान मोहम्मद की ओर से दायर याचिका के बाद आदेश दिए गए पहले खबरें थीं कि पहलू खान को भी गो तस्करी का आरोपी बनाया गया है। बाद में पुलिस ने साफ किया था कि पहलू खान का नाम मौत के बाद हटा दिया गया।

पहलू खान की मॉब लिंचिंग में हुई थी मौत
बता दे, 1 अप्रैल 2017 को हरियाणा निवासी पहलू (55) अपने दो बेटों आरिफ व इरशाद के साथ पिकअप में जयपुर से गाय खरीद कर ला रहे थे। शाम करीब सात बजे बहरोड़ पुलिया से आगे निकलने पर भीड़ ने पिकअप गाड़ी को रुकवा कर पहलू ख़ान और उसके बेटों के साथ मारपीट की थी।

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छह नामजद सहित 200 लोगों पर किया गया था मामला दर्ज
गंभीर घायल पहलू को बहरोड़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 4 अप्रैल को पहलू ने दम तोड़ दिया। इसके बाद मामला गर्मा गया। तत्कालीन भाजपा सरकार में पहलू खां के पर्चा बयान के आधार पर 6 नामजद सहित 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

सभी आरोपीयों को अदालत ने किया था बरी
कोर्ट में आरोपी विपिन यादव, रविन्द्र यादव, कालूराम यादव, दयानंद यादव और योगेश कुमार खाती के खिलाफ 31 मई 2017 को चार्जशीट पेश की गई थी।

जबकि, 5 जनवरी 2018 को भीम राठी को आरोपी मानते हुए 173 (8) के तहत सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई। पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को नाबालिग मानते हुए उनके खिलाफ जुवेनाइल कोर्ट में चालान पेश किया।

कोर्ट ने आरोप साबित नहीं होने पर संदेह का लाभ देते हुए आरोपी विपिन यादव, रविन्द्र, कालूराम, दयानंद, योगेश कुमार खाती व भीम राठी को बरी करने का फैसला सुना दिया।

कांग्रेस सरकार ने SIT का किया गठन
जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमओ में इस मामले को लेकर गृह एवं विधि विभाग के अफसरों को तलब किया। पुलिस जांच में रही खामियों का पता लगाने के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया।