JNU हिंसा: करीब 12 नकाबपोश गुंडों ने रॉड और हॉकी स्टीक से किया हमला!

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दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार शाम को हुई हिंसा को लेकर घबराए छात्र-छात्राओं ने कैंपस छोड़कर घर जाना शुरू कर दिया है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, एक छात्रा का कहना है कि हिंसा करने वाले लोग बाहर से आए थे, उनके हाथ में लाठी-डंडे थे। यहां पर हालात ठीक नहीं हैं, इसलिए मैं कैंपस छोड़कर घर जा रही हूं।

जेएनयू में रविवार शाम को हुई हिंसा का असर सोमवार को देखने को भी मिल सकता है। आक्रोशित छात्र प्रदर्शन कर सकते हैं। इस बाबत दिल्ली के कई इलाकों में रूट डायर्जन किया गया है।

जेएनयू हिंसा को लेकर सियासी गर्माहट जारी है। जेएनयू हिंसा में घायल हुए 23 छात्रो को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। कुछ छात्र अब भी विभिन्न अस्पतालों में भर्ती है।

https://twitter.com/seemay/status/1213880249621958656?s=19

जेएनयू हिंसा को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर बैठक चल रही है। इस बैठक में राज्य के सभी मंत्री और वरिष्ठ आम आदमी पार्टी के नेता मौजूद है।

यूपी के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर घटना की भर्त्सना की और इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग की है। वहीं, मायावती ने भी जेएनयू की हिंसा की है।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि हमें विभिन्न पक्षों की ओर एक शिकायत मिली है। हम जल्द ही इन मामले में एफआइआर दर्ज करेंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी जेएनयू में हुई हिंसा का असर देखने को मिला। मुंबई में गेट-वे ऑफ इंडिया पर छात्रों का प्रदर्शन जारी है।

संभावित प्रदर्शन के मद्देनजर मथुरा रोड और कालिंदी कुंज के बीच 13A को बंद कर दिया गया है। कालिंदी कुंज बंद होने के कारण सिर्फ बारापुला नहीं मथुरा रोड, रिंग रोड, आउटर रिंग रोड और डीएनडी पर भी जाम लग रहा है।

ऐसे में लोगों को सलाह दी गई है कि वे इस रास्ते का इस्तेमाल नहीं करे। वाहन चालकों से कहा गया है कि वे नोएडा से आ रहे लोगों को डीएनडी और अक्षरधाम के जरिये जाने की सलाह दी है।

जेएनयू में हिंसा के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर सोमवार को प्रदर्शन हो सकता है। ऐसे में पुलिस ने रूट डायवर्जन कर दिया है।

रविवार को हुई हुई हिंसा जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष के सिर पर गंभीर चोट आई है। हॉकी और रॉड से लैस 12 से अधिक नकाबपोश बदमाशों ने रविवार को जेएनयू परिसर में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया।

उपद्रवियों ने विवि की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया। हमले में 27 विद्यार्थी व तीन शिक्षक अतुल सूद, सौगता भादुड़ी व सुचरिता घायल हुए हैं। छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।

पुलिस ने परिसर में फ्लैगमार्च भी किया। जेएनयू प्रशासन ने एफआइआर दर्ज करा दी है। करीब 50 छात्र हिरासत में लिए गए हैं। हमले के लिए वामपंथी छात्र संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक दूसरे को दोषी बताया है।

गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से घटना की जानकारी ली और जांच के आदेश दिए हैं। जेएनयू के छात्र रह चुके विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घटना की निंदा की है।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात की और पुलिस को तुरंत दिशा-निर्देश जारी करने के लिए अनुरोध किया।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा घायलों से मिलने एम्स पहुंचीं और घटना के लिए भाजपा व केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया। अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी भाजपा पर निशाना साधा। घटना के बाद देर शाम वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्र आइटीओ स्थित दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पहुंच गए और प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की।

इनमें डीयू, एएमयू, अंबेडकर, जामिया व जेएनयू के छात्र व एसएफआइ से जुड़े छात्र शामिल थे। छात्रों ने यहां मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट भी की।

सीपीआइ की वृंदा करात, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद व कांग्रेस की अलका लंबा भी छात्रों के समर्थन में पहुंचीं। हिंसा जेएनयू टीचर एसोसिएशन की बैठक के बाद शाम साढ़े सात बजे शुरू हुई।

लाठी-डंडों से लैस नकाबपोश गल्र्स हॉस्टल समेत अलग-अलग छात्रवासों में घुसकर छात्रों को मार रहे थे। एबीवीपी के मुताबिक हिंसा में उसके 25 छात्र घायल हुए हैं।

वामपंथी छात्र संगठनों आइसा, एसएफआइ, एआइएएसफ का दावा है कि उनके सैकड़ों छात्रों को चोटें आईं हैं। घायलों को एम्स व सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जेएनयू छात्रसंघ का आरोप है कि कई छात्र छात्रवास की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ कैंपस में प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान एबीवीपी ने उन पर हमला कर दिया।

एबीवीपी का कहना है पहले वामपंथी छात्र संगठनों ने हमला किया। एबीवीपी की जेएनयू ईकाई के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा कि रविवार को उन छात्रों के लिए पंजीकरण का आखिरी दिन था, जो मानसून सेमेस्टर की दिसंबर में परीक्षा नहीं दे पाए थे।

विंटर सेमेस्टर के लिए भी पांच जनवरी पंजीकरण की अंतिम तिथि थी। वामपंथी छात्र संगठन दो-तीन दिन से पंजीकरण प्रक्रिया बाधित कर रहे थे। शनिवार रात उन्होंने उस कार्यालय की इंटरनेट सेवा ठप कर दी, जहां पंजीकरण हो रहे थे।

रविवार को दिन में तीन बजे एबीवीपी से जुड़े छात्र प्रशासनिक भवन के पास जुटे और पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कराने की कोशिश की। इसी दौरान वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्रों ने हमला कर दिया और सुरक्षाकर्मियों को भी पीटा।