दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार शाम को हुई हिंसा को लेकर घबराए छात्र-छात्राओं ने कैंपस छोड़कर घर जाना शुरू कर दिया है।
जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, एक छात्रा का कहना है कि हिंसा करने वाले लोग बाहर से आए थे, उनके हाथ में लाठी-डंडे थे। यहां पर हालात ठीक नहीं हैं, इसलिए मैं कैंपस छोड़कर घर जा रही हूं।
Here is the mob wielding iron rods and lathis and sticks freely roaming the JNU campus. The main gate is blocked, media not being allowed inside either. This is a complete collapse. @ArvindKejriwal if the police won't step in you must pic.twitter.com/5ffbUzqzQa
— barkha dutt (@BDUTT) January 5, 2020
जेएनयू में रविवार शाम को हुई हिंसा का असर सोमवार को देखने को भी मिल सकता है। आक्रोशित छात्र प्रदर्शन कर सकते हैं। इस बाबत दिल्ली के कई इलाकों में रूट डायर्जन किया गया है।
Please observe this image carefully. These are only 3 of 50 vandals inside a hostel in #JNU, one of them is a woman. Notice what's in their hands. The police let these folk just saunter out. Dont get distracted by spin. The only question to ask : why arent they in jail pic.twitter.com/jImynFmx2G
— barkha dutt (@BDUTT) January 6, 2020
जेएनयू हिंसा को लेकर सियासी गर्माहट जारी है। जेएनयू हिंसा में घायल हुए 23 छात्रो को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। कुछ छात्र अब भी विभिन्न अस्पतालों में भर्ती है।
https://twitter.com/seemay/status/1213880249621958656?s=19
जेएनयू हिंसा को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर बैठक चल रही है। इस बैठक में राज्य के सभी मंत्री और वरिष्ठ आम आदमी पार्टी के नेता मौजूद है।
(5) Watch and weep: Complete impunity. @CPDelhi https://t.co/ShYUJSJVYt
— Raghu Karnad (@rkarnad) January 5, 2020
यूपी के पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर घटना की भर्त्सना की और इसकी न्यायिक जांच कराने की मांग की है। वहीं, मायावती ने भी जेएनयू की हिंसा की है।
Its a personal choice for @M_Lekhi to withdraw her kids from an university having JNU like conditions. But being a part of the Cen. Govt. & MP of New Delhi, its her responsibility to probe #JNUattack & punish the culprits. Since every parent isnt privileged as her. #JNUViolence pic.twitter.com/J2nbljzPAP
— Md Salim (@salimdotcomrade) January 5, 2020
दिल्ली पुलिस का कहना है कि हमें विभिन्न पक्षों की ओर एक शिकायत मिली है। हम जल्द ही इन मामले में एफआइआर दर्ज करेंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Several men with faces covered, who identified themselves as “nationalists and supporters of #ABVP”, gathered outside the North Gate of JNU on Sunday evening, holding sticks and rods, and raising “Bharat Mata ki Jai” slogans. #JNUattackhttps://t.co/XqcU8jPp28
— The Hindu (@the_hindu) January 6, 2020
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी जेएनयू में हुई हिंसा का असर देखने को मिला। मुंबई में गेट-वे ऑफ इंडिया पर छात्रों का प्रदर्शन जारी है।
Too stunned n horrified to even write anything about this inhuman n cowardly act..Is this our India??Those behind d masks have to be found n punished for this atrocity.Cant believe this can happen in Delhi to d future of our country #JNUViolence #JNUattack #StandWithJNU pic.twitter.com/Z8hGodBcHM
— Urmila Matondkar (@UrmilaMatondkar) January 6, 2020
संभावित प्रदर्शन के मद्देनजर मथुरा रोड और कालिंदी कुंज के बीच 13A को बंद कर दिया गया है। कालिंदी कुंज बंद होने के कारण सिर्फ बारापुला नहीं मथुरा रोड, रिंग रोड, आउटर रिंग रोड और डीएनडी पर भी जाम लग रहा है।
My cousin Sucharita Sen, member of #JNU faculty, in hospital with severe head injuries. Will the thugs who beat her up be called “anti national”? Will #JNU alumni in Modi Government stand up for her ? Resign in protest??who will today speak up for an unarmed teacher? #JNUattack pic.twitter.com/DqPmF0HFS6
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) January 6, 2020
ऐसे में लोगों को सलाह दी गई है कि वे इस रास्ते का इस्तेमाल नहीं करे। वाहन चालकों से कहा गया है कि वे नोएडा से आ रहे लोगों को डीएनडी और अक्षरधाम के जरिये जाने की सलाह दी है।
WATCH | “JNU administration was complicit in the attack by ‘gundas’ on university campus. Delhi Police remained a mute spectator": Congress’ Randeep Surjewala.#JNU #JNUSU #JNUViolence #JNUattack pic.twitter.com/dmiSGBh50y
— NDTV (@ndtv) January 6, 2020
जेएनयू में हिंसा के विरोध में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर सोमवार को प्रदर्शन हो सकता है। ऐसे में पुलिस ने रूट डायवर्जन कर दिया है।
#JNUViolence | #JNU student narrates the ordeal. Listen in#JawaharlalNehruUniversity #JNUAttack #JNUCampus pic.twitter.com/0YayizxgJs
— Mirror Now (@MirrorNow) January 6, 2020
रविवार को हुई हुई हिंसा जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष के सिर पर गंभीर चोट आई है। हॉकी और रॉड से लैस 12 से अधिक नकाबपोश बदमाशों ने रविवार को जेएनयू परिसर में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया।
उपद्रवियों ने विवि की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया। हमले में 27 विद्यार्थी व तीन शिक्षक अतुल सूद, सौगता भादुड़ी व सुचरिता घायल हुए हैं। छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने परिसर में फ्लैगमार्च भी किया। जेएनयू प्रशासन ने एफआइआर दर्ज करा दी है। करीब 50 छात्र हिरासत में लिए गए हैं। हमले के लिए वामपंथी छात्र संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक दूसरे को दोषी बताया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से घटना की जानकारी ली और जांच के आदेश दिए हैं। जेएनयू के छात्र रह चुके विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घटना की निंदा की है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से बात की और पुलिस को तुरंत दिशा-निर्देश जारी करने के लिए अनुरोध किया।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा घायलों से मिलने एम्स पहुंचीं और घटना के लिए भाजपा व केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया। अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी भाजपा पर निशाना साधा। घटना के बाद देर शाम वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्र आइटीओ स्थित दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पहुंच गए और प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की।
इनमें डीयू, एएमयू, अंबेडकर, जामिया व जेएनयू के छात्र व एसएफआइ से जुड़े छात्र शामिल थे। छात्रों ने यहां मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट भी की।
सीपीआइ की वृंदा करात, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद व कांग्रेस की अलका लंबा भी छात्रों के समर्थन में पहुंचीं। हिंसा जेएनयू टीचर एसोसिएशन की बैठक के बाद शाम साढ़े सात बजे शुरू हुई।
लाठी-डंडों से लैस नकाबपोश गल्र्स हॉस्टल समेत अलग-अलग छात्रवासों में घुसकर छात्रों को मार रहे थे। एबीवीपी के मुताबिक हिंसा में उसके 25 छात्र घायल हुए हैं।
वामपंथी छात्र संगठनों आइसा, एसएफआइ, एआइएएसफ का दावा है कि उनके सैकड़ों छात्रों को चोटें आईं हैं। घायलों को एम्स व सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जेएनयू छात्रसंघ का आरोप है कि कई छात्र छात्रवास की फीस बढ़ोतरी के खिलाफ कैंपस में प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान एबीवीपी ने उन पर हमला कर दिया।
एबीवीपी का कहना है पहले वामपंथी छात्र संगठनों ने हमला किया। एबीवीपी की जेएनयू ईकाई के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा कि रविवार को उन छात्रों के लिए पंजीकरण का आखिरी दिन था, जो मानसून सेमेस्टर की दिसंबर में परीक्षा नहीं दे पाए थे।
विंटर सेमेस्टर के लिए भी पांच जनवरी पंजीकरण की अंतिम तिथि थी। वामपंथी छात्र संगठन दो-तीन दिन से पंजीकरण प्रक्रिया बाधित कर रहे थे। शनिवार रात उन्होंने उस कार्यालय की इंटरनेट सेवा ठप कर दी, जहां पंजीकरण हो रहे थे।
रविवार को दिन में तीन बजे एबीवीपी से जुड़े छात्र प्रशासनिक भवन के पास जुटे और पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कराने की कोशिश की। इसी दौरान वामपंथी संगठनों से जुड़े छात्रों ने हमला कर दिया और सुरक्षाकर्मियों को भी पीटा।