नई दिल्ली: देवबंद स्थित जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की।
द क्विंट की रिपोर्ट के अनुसार, मौलाना मदनी ने खुलासा किया कि डेढ़ घंटे की मुलाकात के दौरान श्री भागवत ने संकेत दिया कि वे भविष्य में संपर्क में रहेंगे और बातचीत जारी रहेगी।
यह पूछे जाने पर कि बैठक की शुरुआत किसने की, श्री मदनी ने बताया कि ‘बीच में कुछ लोग थे जिन्होंने पूछा था कि क्या मैं भागवत जी से मिलना चाहता हूं, मैंने कहा कि यह एक अच्छा विचार था।’
मौलाना मदनी ने दावा किया कि ‘भागवत जी ने कभी नहीं कहा कि राज्य का प्रमुख हिंदू राष्ट्र चाहता है। बैठक के दौरान ऐसा कुछ नहीं लाया गया।’
यह कहते हुए कि देश की स्थिति विनाश की ओर बढ़ रही है, अर्थव्यवस्था या तो पहले से ही नष्ट है या विनाश की ओर बढ़ रही है, मौलाना मदनी ने कहा, इस परिदृश्य में, यह संभव है कि किसी की विचार प्रक्रिया कल से पहले तक बदल जाए।
उन्होंने आगे दावा किया कि मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस अब उन विचारों को नहीं देखता।
इस सवाल पर कि क्या आप यहां आरएसएस की आलोचना में नरम होंगे?’ मौलाना ने कहा, ‘आरएसएस अगर हमारे साथ नरम है, तो हमें क्यों नहीं होना चाहिए?’