ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक को अपराध बना दिया गया है। उन्होंने कहा कि अदालत ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है, ऐसे में आप तीन तलाक को अपराध बनाकर नया हिंदुस्तान बनाने जा रहे हैं।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, ओवैसी ने कहा कि इस बात को सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि गलती से तीन तलाक कहने से शादी नहीं टूटती। ‘गिरफ्तार होने को बाद कोई कैसे दे पाएगा मुआवजा?’
AIMIM MP Asaduddin Owaisi opposes Triple Talaq Bill in the Lok Sabha. #ITVideo
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ओवैसी ने तीन तलाक बिल पर सवाल उठाते हुए कहा कि गिरफ्तार होने के बाद क्या कोई शौहर अपनी पत्नी को मुआवजा दे पाएगा? पति जेल में बैठा रहे और पत्नी तीन साल तक उसका इंतजार करती रहे?
उस औरत को ऐसी शादी से निकलने का अधिकार मिलना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि जमानत देने का अधिकार अदालत को है लेकिन हत्या में भी पीड़ित को सुना तक नहीं जाता है।