कोरोना वायरस का खौफ़: बालाजी सहित देश के कई मंदिरों पर पर्यटकों के आवाजाही पर रोक!

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कोरोना वायरस के खौफ के चलते पुरातत्व विभाग ने मंगलवार को विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल आभानेरी की चांदबावड़ी को ताले में कैद कर दिया है।

 

भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, यहां 31 मार्च तक पर्यटकों की आवाजाही पर रोक रहेगी।मेहंदीपुर बालाजी ट्रस्ट द्वारा भी भगवान के दर्शनों पर रोक के निर्णय के बाद बड़ी तादाद में देश भर से आए भक्त और भगवान के दर्शनों का इंतजार करते देखे गए।

 

यह कोरोना वायरस का ही खौफ था कि मेहंदीपुर बालाजी के इतिहास में पहली बार बालाजी मंदिर के पट भगवान के दर्शनों के लिए बंद करने पड़े हैं।

 

चांदबावड़ी को देखने के लिए 15 दिन पहले रोजाना 300 से अधिक विदेशी पर्यटक आ रहे थे। लेकिन जैसे ही विश्वभर में कोरोना वायरस का खौफ बढ़ने लगा तो यहां भी विदेशी पर्यटकों की संख्या 100 तक सिमट कर रह गई।

 

अब पुरातत्व विभाग ने आभानेरी की चांदबावड़ी को 31 मार्च तक के लिए ताले में कैद कर दिया है। यहां आने वाले पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।

 

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर मेहंदीपुर बालाजी के पट बंद रहने की सूचना बालाजी मंदिर ट्रस्ट ने सोमवार को ही जारी कर दी थी।सिकराय तहसीलदार चिरंजी लाल शर्मा ने बताया कि मंगलवार को बालाजी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत किशोरपुरी महाराज से मिलकर बालाजी मंदिर ट्रस्ट के निर्णय को जनहित में बताते हुए इसकी कड़ाई से पालना करने का आग्रह किया गया है।

 

करौली मेंकोरोना वायरस को लेकर कलेक्टेट में आयोजित बैठक में श्रीमहावीरजी मंदिर के पदाधिकारियों ने प्रशासन को अवगत कराया कि आमजन के हित को देखते हुए 3 से 9 अप्रेल तक श्रीमहावीरजी मेले के दौरान होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को निरस्त करते हुए होटल आदि की सभी बुकिंगों को कैंसिल कर दिया है।

 

उत्तर भारत के प्रसिद्ध कैला माता के लक्खी मेले को कलेक्टर ने मंगलवार रात को विशेष आदेश जारी करते हुए स्थगित कर दिया है। यात्रा में सम्मिलित होने वाले श्रद्धालुओं के लिए सामाजिक संस्थाओं द्वारा आगरा से कैलादेवी के सड़क मार्ग पर जगह-जगह भंडारे लगाए जाएेंगे।

 

इससे कोरोना वाररस के संक्रमणफैलने का खतरा बना रहेगा। इसे लेकर आगरा जिलाधिकारी ने करौली कलेक्टर को निवेदन करते हुए कैला माता का मेला 31 मार्च तक स्थगित किए जाने का निवेदन किया है।