विवेक अग्निहोत्री बीजेपी के पक्ष में खुलकर प्रचार और दूसरों के लिए दुष्प्रचार करने के लिए कई बार चर्चा में रहे हैं. मोदी विरोधियों के लिए उनकी भाषा कई बार सारी मर्यादाएं पार कर जाती हैं, तभी उन्हें बहुत से लोग मोदी का अंधसमर्थक मानते हैं. बीजेपी के लिए हवा बनाने में माहिर विवेक ने इस बार ऐसा काम कर दिया है, जिसकी वजह से सोशल मीडिया में उन पर लोग टूट पड़े हैं.
भगवा पार्टी की शान में कसीदे पढ़ने के लिए जगजाहिर फिल्म निर्माता अग्निहोत्री ने वाहवाही लूटने के लिए या फिर आँखों में चढ़ने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को उनकी मौत के एक साल बाद भी ज़िंदा बता दिया. लाख बार सोच समझकर फिल्म बनाने वाला यह शख्स ट्वीट कर यह कहना चाह रहा है कि नेहरू मरने के एक साल बाद भी देश के लिए बेतरतीब तरीके से फैसले ले रहे थे.
ट्वीट के लिए उंगलियां चलाने से पहले अग्निहोत्री ने इस बारे में जरा सा भी गूगल करने की जहमत नहीं उठायी कि पूर्व पीएम नेहरू की मौत 1964 में ही हो गयी थी. सीना तानकर विवेक अग्निहोत्री ट्वीट करते हैं कि जब 1965 में भारत पर पाकिस्तान ने हमला किया था, तो कमांडर इन चीफ जनरल चौधरी ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से काउंटर अटैक करने की इजाजत मांगी थी, जिसे तत्कालीन पीएम ने ठुकरा दिया था. लोकसभा चुनावों को लेकर एजेंडा चलाने की मन में ठान चुके इस महान फिल्म निर्माता को कौन समझाए कि हर चमकती चीज सोना नहीं होती.
हिस्ट्री की मिस्ट्री समझने में नाकाबिल विवेक अग्निहोत्री शायद ये बात भी भूल गए कि जब 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था, तब पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू जीवित ही नहीं थे. पंडित जवाहर लाल नेहरू का 27 मई, 1964 में देहांत हो गया था, फिर वे पाकिस्तान पर काउंटर अटैक करने के लिए जनरल को कैसे इनकार कर सकते थे. विवेक अग्निहोत्री को शायद थोड़ा इतिहास पढ़ने की जरुरत है. विवेक अग्निहोत्री के ट्विटर अकाउंट को देखा जाए, तो उसमें आपको कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ एक प्रोपेगैंडा चलता हुआ दिखेगा. उनका ट्विटर अकाउंट कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ किए गए ट्वीट्स से भरा हुआ है.
चलिए सबसे पहले बात करते हैं उन ट्वीट्स की जिनके जरिए विवेक अग्निहोत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री पर इतना बड़ा आरोप लगाया है कि उन्होंने भारतीय सेना को 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ काउंटर अटैक करने की इजाजत नहीं दी थी. विवेक लिखते हैं, “जब पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण किया था, तब मेरे दोस्त कमांडर इन चीफ जनरल चौधरी ने पीएम नेहरू से पाकिस्तान पर काउंटर अटैक करने की इजाजत मांगी थी, लेकिन इजाजत नहीं दी गई. यह सेना की रणनीति होती है, अगर आप डिफेंसिव होते हैं तो आप पहले ही हार चुके होते हैं. सबसे अच्छा तरीका है कि अग्रेसिव रहें.” अन्य ट्वीट में विवेक लिखते हैं, “पाकिस्तान ने केवल कश्मीर पर आक्रमण किया था. जनरल चौधरी का आइडिया था कि सेना काउंटर अटैक कर पाकिस्तान को चार-पांच जगह से घेर ले. इससे वे (पाकिस्तानी सेना) कन्फ्यूज़ हो जाएंगे और भागेंगे, वे समझ नहीं पाएंगे कि अपनी सेना को कहां भेजें.”
विवेक ने आगे लिखा, “लेकिन राजनेता! प्रधानमंत्री नेहरू ने उनसे कहा कि सुबह के 6 बजे तक इंतजार करो. जनरल चौधरी ने मुझे बताया कि उन्हें सेना से बाहर फेंक दिया गया. हालांकि यह सार्वजनिक तौर पर नहीं किया गया था. सार्वजनिक रूप से तो वे रिटायर हुए थे, लेकिन सच्चाई यह थी कि उन्हें सेना से बेदखल कर दिया गया था. उनसे कहा गया था या तो इस्तीफा दे दो या निकाल दिए जाओगे. इसके पीछे कारण केवल यह था कि उन्होंने सुबह के 5 बजे पाकिस्तान पर हमला कर दिया, जबकि उन्हें 6 बजे तक इंतजार करने के निर्देश दिए गए थे. पाकिस्तान को धूल चटाने का यह सही समय था, क्योंकि सब सोए हुए थे. वो बस पाकिस्तान की सबसे बड़ी सिटी लाहौर से 15 मील दूर थे. पूरी रात नेहरू और उनकी कैबिनेट यह चर्चा करती रही कि ये करें या वो करें. फिर भी सुबह 6 बजे तक वे किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे. उन्होंने यह सूचना रेडियो पर सुनी थी कि जनरल चौधरी लाहौर में घुस रहे हैं. यह नेहरू के लिए बहुत ज्यादा था. उन्होंने जनरल चौधरी को लाहौर पहुंचने से 15 मील पहले ही रोक दिया. उनसे कहा गया कि भारत एक अहिंसात्मक देश है और तुमने निर्देशों का इंतजार क्यों नहीं किया.”
हालांकि फिल्म निर्माता अब अपने इन ट्वीट्स को डिलीट कर चुके हैं. विवेक अग्निहोत्री ने इतना सारा ज्ञान लोगों तक पहुंचाने और उन्हें गुमराह करने की भरपूर कोशिश की, लेकिन वे शायद भूल गए कि देश की जनता उनकी तरह नहीं है, जो कि इतिहास में काफी कमजोर हैं. 1965 में जब भारतीय और पाकिस्तानी सेना आमने-सामने आई थीं, तो उस समय भारत के प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री थे. आजकल सारी जानकारियां इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं और इंटरनेट पर यह जानकारियां भी हैं कि भारत में कौन और कब प्रधानमंत्री रहा था. विवेक अग्निहोत्री जी बेबुनियाद आरोप लगाने से पहले कम से कम एक बार इंटरनेट पर यही सर्च कर लेते कि 1965 में देश का प्रधानमंत्री कौन था.
इस महान फिल्म निर्माता की इस बेहूदा हरकत के लिए सोशल मीडिया यूजर्स उन्हें ट्रोल कर रहे हैं, और करें भी क्यों न उन्होंने हरकत ही ऐसी की है. पढ़ें, लोगों ने इस पर क्या प्रतिक्रियाएं दी हैं.
Hilarious. Vivek Agnihotri didn't know Lal Bahadur Shastri was the Prime Minister during the Indo-Pak '65 war. And he did a tweet series on this 😁https://t.co/gGJetH1rTF
— Saikat Datta (@saikatd) March 12, 2019
Vivek Agnihotri blames Nehru for outcome of a war which began 15 months after the first PM's death!https://t.co/RayrgHyis1
— JK (@JaskiratSB) March 11, 2019
Where @vivekagnihotri is directing and producing a historical film on Lal Bahadur Shastri but doesn't know that he was the Prime Minister in 1965.
READ: https://t.co/RHfYgllMbK
— Pratik Sinha (@free_thinker) March 12, 2019
साभार- tv9bharatvarsh.com