नागरिकता संसोधन विधयेक को लेकर कांग्रेस पार्टी के शासित राज्य केंद्र से सीधा टकराव लेने का इरादा दिखा रहे हैं. बता देंं पहले पंजाब और पश्चिम बंगाल की सरकारों ने भी कहा है कि वे नागरिकता संशोधन अधिनियम को अपने यहां लागू नहीं होने देंगे.
एक ओर जहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक पर कांग्रेस पार्टी ने जो भी स्टैंड लिया है, हम उसका पालन करेंगे. क्या हम उस प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहते हैं, जो विभाजन के बीज बोती है. उन्होंने कहा, ‘कोई भी ऐसा कानून जो समाज को बांटता है. उस पर कांग्रेस का जो रुख होगा वही रुख मध्यप्रदेश सरकार अपनाएगी.
Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath: Whatever stand the Congress party has taken on Citizenship Amendment Act, we will follow that,do we want to be a part of a process that sows seeds of divisiveness? (file pic) pic.twitter.com/Ktr2pkftLc
— ANI (@ANI) December 13, 2019
कांग्रेस शासित दूसरे राज्य महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने भी कुछ ऐसा ही कहा है. शिवसेना के साथ सत्ता में आई कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं ठाकरे सरकार में मंत्री की शपथ ले चुके बालासाहेब थोरात ने यह पूछे जाने पर कि क्या महाराष्ट्र नागरिकता संशोधन बिल को लागू करेगा तो उन्होंने कहा कि हम अपनी पार्टी की केंद्रीय लीडरशिप का अनुशरण करेंगे.
Maharashtra Minister and Congress leader Balasaheb Thorat on being asked if Maharashtra will implement #CitizenshipAmendmentAct: We will follow the policy of our party's central leadership. pic.twitter.com/9GrqeIuKGE
— ANI (@ANI) December 13, 2019
मध्यप्रदेश प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का तानाबाना ही सहिष्णुता और अनेकता में एकता है और इसी आधार पर देश आगे बढ़ सकता है. कमलनाथ यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था की स्थिति से ध्यान भटकाने के लिए नागरिकता संशोधन सरीखे विधेयक लाए जा रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि देश का विमर्श स्वतः नहीं बदल रहा है, बल्कि इसे सुनियोजित ढंग से बदला जा रहा है.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि पंजाब में इसे लागू नहीं होने देंगे. विधानसभा में कांग्रेस बिल को रोक देगी. उन्होंने ये भी कहा कि ये बिल असंवैधानिक है, अगर उन देशों में ऐसा क़ानून आ जाए जहां भारतीय रहते हैं और धर्म के आधार पर उनकी नागरिकता प्रभावित हो तो क्या होगा?
वही दूसरी तरफ कैब पर मोदी सरकार को समर्थन कर रहे ओडिशा के मुख्यमंत्री ने भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू नहीं किये जाने की बात कही है . खबर के मुताबिक सूबे के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से शुक्रवार को मुलाकात करने वाले एक मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने इस बात की जानकारी दी.
नागरिक संशोधन विधेयक 2019 के लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद गुरुवार को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृति मिलने के साथ ही अब यह कानून बन चुका है. इसी के मद्देनजर भद्रक, बालासोर और जाजपुर जिलों के मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल ने पटनायक से मुलाकात के बाद कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि राज्य सरकार एनआरसी को लागू नहीं करेगी.