जानना चाहता हूं, बीजेपी NRC ला रही है या नहीं?- दिग्विजय सिंह

,

   

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा आप के गृह मंत्री जो भाजपा के अध्यक्ष भी हैं नड्डा जी जो भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष हैं दोनों कहते हैं NRC लायेंगे और आप कहते हैं NRC पर कोई चर्चा भी नहीं हुई। किसकी बात पर 130 करोड़ जनता विश्वास करे? एक ही रास्ता है CAA क़ानून वापस लो और NPR/NRC पर समस्त कार्यवाही बंद करो।

 

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह पर हमला बोला है।

न्यूज़ स्टटपू पर छपी खबर के अनुसार, दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से सिलसिलेवार ढंग एक के बाद एक चार ट्वीट कर पीएम मोदी और और अमित शाह को निशाना बनाया है।

दिग्विजय सिंह ने लिखा कि मोदी शाह जी बात विश्वास की है। आपने कहा है “सब का साथ सब का विकास और सब का विश्वास” आप दोनों के विरोधाभास बयानों से विश्वास उठ रहा है।

उन्होंने कहा कि आप कहते हैं NRC पर चर्चा नहीं हुई तो फिर राष्ट्रपति जी ने 2019 को संसद में दिए हुए भाषण में पूरे देश में NRC लागू करने का उल्लेख बिना आप की स्वीकृति के कर दिया?

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा आप के गृह मंत्री जो भाजपा के अध्यक्ष भी हैं नड्डा जी जो भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष हैं दोनों कहते हैं NRC लायेंगे और आप कहते हैं NRC पर कोई चर्चा भी नहीं हुई।

किसकी बात पर 130 करोड़ जनता विश्वास करे? एक ही रास्ता है CAA क़ानून वापस लो और NPR/NRC पर समस्त कार्यवाही बंद करो।

सिंह ने सवालिया लहजे में पूंछा कि प्रश्न एक ही है, 130 करोड़ लोगों के देश में अब NPR में और उसके आधार पर NRC में माँगी जाने वाली जानकारी चाहे हिन्दू हो या मुसलमान कहाँ से लाएगा? और उसका लाभ क्या होगा और कितना ख़र्च होगा?

आधार कार्ड बन गया वोटर कार्ड है हर 10 वर्ष में सेंसस होता है फिर अब NRC की क्या आवश्यकता है? हालांकि अभी तक बीजेपी की तरफ से दिग्विजय सिंह के इस ट्विट पर किसी ने भी प्रतिक्रिया नहीं दी है।

वहीं बतादें बुधवार को भी दिग्विजय सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर तंजनुमा अंदाज में लिखा कि- भारत की विविधता में एकता पर यह कविता अवश्य सुने।

यही अनेकता में एकता ही भारत की शक्ति है संस्कार है और संस्कृति है जो मोदी शाह कभी नहीं समझेंगे। भारत माता की जय, हम सब एक हैं।