ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि उनका देश मौजूदा तनाव के बीच भी वार्ता के लिए तैयार है। एक मीडिया रपट से यह जानकारी मिली।
प्रेस टीवी ने रूहानी के बुधवार के एक संबोधन के हवाले से अपनी रिपोर्ट में कहा, “प्रतिबंध लगाने वालों के समक्ष हमारे पास प्रतिरोध करने और ढृढ़ता दिखाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।”
उन्होंने कहा, “हम मानते हैं कि गलत और दबावपूर्ण प्रतिबंधों को पहले हटाना चाहिए और तब वार्ता के मुद्दे को सुलझाया जा सकता है।”
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, रूहानी ने कहा कि वाशिंगटन द्वारा गत वर्ष परमाणु समझौते से बाहर निकलने के बाद दोबारा लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने के तुरंत बाद ईरान पी फाइव प्लस वन देशों (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, रूस और चीन के) के फ्रेमवर्क के अंतर्गत वार्ता करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, “हमें इसमें कोई समस्या नहीं है।” इसबीच राजनीतिक मामलों के लिए ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा कि इस्लामिक गणराज्य का समझौते से पीछे हटने का कोई उद्देश्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर प्रतिबंध हटा लिए गए तो तेहरान समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगा।
अराकची ने मंगलवार को टोक्यो में जापानी विदेश मंत्री ओसिमित्सु मोटेगी के साथ बैठक में कहा, “हमारा उद्देश्य जॉइंट कंप्रेहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन(जेसीपीओए) से बाहर निकलने का नहीं है, लेकिन पूरे साल धर्य रखने और यूरोपीय देशों की ओर से इस बाबत अनुपालन नहीं करने के बाद हमने अपने प्रतिबद्धताओं में कमी लाने का फैसला किया है।”
वाशिंगटन के एकतरफा समझौते से पीछे हटने के बाद अमेरिका ने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया था।