इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने फरमाया है कि 11 फरवरी का जश्न , राष्ट्र की चेतना, और हर प्रकार की विचार धारा रखने वालों की उपस्थिति के साथ, हर साल से अधिक शानदार तरीक़े से आयोजित होगा।
वरिष्ठ नेता ने शुक्रवार को वायु सेना के कमांडरों और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से भेंट में यह बात की। इस भेंट, इस्लामी गणतंत्र ईरान के संस्थापक इमाम खुमैनी के हाथों पर वायु सेना द्वारा आज्ञापालन की प्रतिज्ञा की 40वीं वर्षगांठ पर तेहरान में हुई।
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, वरिष्ठ नेता ने 22 बहमन बराबर 11 फरवरी की रैलियों में जनता की भारी उपस्थिति को, शत्रु के लिए विनाशक व डराने वाली तथा राष्ट्रीय एकता व संकल्प का प्रदर्शन बताया है।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि जब बात, क्रांति , व्यवस्था और 22 बहमन की रक्षा की बात होती है तो सारे मतभेद खत्म हो जाते हैं और सब लोग एक साथ , मैदान में उतरते हैं।
वरिष्ठ नेता ने अमरीकी सरकार को, दुष्टता, हिंसा, संकटजनक व युद्धोन्मादी बताते हुए कहा कि अमरीकी नेता ईरानी जनता का अपमान करके यह पूछते हैं कि ईरानी क्यों, अमरीका मुर्दाबाद कहते हैं, तो अमरीकी अधिकारियों के सवाल का जवाब देते हुए मैं बल देता हूं कि हमें अमरीका जनता से कोई बैर नहीं और अमरीका मुर्दाबाद का मतलब अमरीकी नेता, मुर्दाबाद है जैसा कि आजकल अमरीका मुर्दाबाद का मतलब ट्रम्प मुर्दाबाद , बोल्टन मुर्दाबादा, पोम्पियो मुर्दाबाद है और जब तक अमरीकी सरकार , दुष्टता, हस्तक्षेप , धूर्तता, नीचता करती रहेगी, ईरानी जनता ” अमरीका मुर्दाबाद” का नारा लगाना नहीं छोड़ेगी।
वरिष्ठ नेता ने जेसीपीओए की सुरक्षा और ईरान के साथ लेन देन की विशेष व्यवस्था के बारे में युरोप के प्रस्ताव पर भी ईरानी अधिकारियों को सिफारिश की है कि वह युरोप पर भरोसा न करें बल्कि अविश्वास से उन पर नज़र रखें।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि , अमरीका के बारे में कई वर्षों से और परमाणु वार्ता के दौरान भी , आम बैठकों में, और खास बैठकों में भी बार बार अधिकारियों से यह कहा गया कि अमरीकियों पर भरोसा न करें और आज यह परिणाम निकला है कि जिन अधिकारियों ने वार्ता की थी अब वह कह रहे हैं कि अमरीका पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
वरिष्ठ नेता ने इसी प्रकार अपने भाषण के एक अन्य भाग में , इस्लामी क्रांति के दौरान, सेना द्वारा जनता के समर्थन को ईश्वर की बहुत बड़ी कृपा और इस क्षेत्र में वायु सेना की भूमिका को अत्याधिक महत्वपूर्ण बताया और कहा कि , वायु सेना ने इस्लामी क्रांति की सफलता में और उसके विभिन्न चरणों में , प्रभावशाली भूमिका निभाई है।