एफ ओ बी, सीतामढ़ी द्वारा “कोरोना काल में ग्रामीण बिहार” विषय पर किया गया वेब-गोष्ठी का आयोजन
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फिल्ड आउटरिच ब्यूरो (एफ.ओ.बी), सीतामढ़ी द्वारा आज “कोरोना काल में ग्रामीण बिहार” विषय पर वेब-गोष्ठी का आयोजन किया गया | इस वेब-गोष्ठी में प्रमुख वक्ताओं के रूप में सीतामढ़ी जिले से जिला सूचना एवं जनसम्पर्क पदाधिकारी श्री परिमल कुमार, ग्राम पंचायत राज सिंहवाहिनी, सोनवरसा, सीतामढ़ी की मुखिया, श्रीमती रितु जायसवाल, मुजफ्फरपुर से श्री मनोज कुमार झा, प्राचार्य, डीएवी पब्लिक स्कूल, और डॉ पल्लवी सिन्हा, एमबीबीएस, हिंदुस्तान अखबार के सीतामढ़ी ब्यूरो प्रभारी श्री ज्ञान रंजन भारद्वाज और जीविका से श्री सुबीर झा ने भाग लिया |
इस वेब-गोष्ठी की शुरुआत फिल्ड आउटरिच ब्यूरो (एफ.ओ.बी), सीतामढ़ी के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी श्री जावेद अंसारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए, आज के वेब-गोष्ठी का विषय प्रवेश करवाते हुय कहा कि आज कोरोना महामारी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था, सामाजिक सुरक्षा, चिकित्सीय सेवा और शिक्षा सेवा को प्रभावित किया है | जिसको समझने के लिए इस वेब-गोष्ठी का आयोजन किया गया है | ताकि ग्रामीण बिहार के लोग इस आपदा को अवसर में बदल सकें और आत्मनिर्भर बनने के रास्ते में आगे बढ़ सकें |
वेब गोष्ठी में अतिथि वक्ता के रूप में शामिल सीतामढ़ी के जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री परिमल कुमार ने कहा कि भारत गांवों का देश है और देश की आत्मा गांवों में बसती है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि कोरोना काल में गांव संक्रमण से अछूते रहे हैं लेकिन यह बात निश्चित रूप से है कि शहर के मुकाबले गांव ज्यादा सुरक्षित रहे हैं। इसकी एक सबसे बड़ी वजह गांव का अपना परिवेश है जो शहरों से भिन्न है। शहर घना बसा होता है इसलिए वहां संक्रमण भी ज्यादा हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को वापस उनके घर लाने की दिशा में सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सीतामढ़ी पहुंचे प्रवासी मजदूरों में 14 हजार के आसपास को रोजगार दिया जा चुका है। शुरुआत में ही जब यहां प्रवासी मजदूर पहुंचे थे तभी उनकी स्किल मैपिंग की गई थी और इसी स्किल मैपिंग के आधार पर उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी में जल्द ही पांच क्लस्टर शुरू होने वाले हैं जहां बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में 50,000 से अधिक लोगों की कोरोना जांच किए जा चुके हैं।
अतिथि वक्ता के रूप में रितु जयसवाल, मुखिया सिंहवाहनी पंचायत, सीतामढ़ी ने कहा कि बिहार से सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूरों का पलायन हुआ है इसीलिए बिहार लौटने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या भी सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों को सबसे ज्यादा राशन की आवश्यकता थी। हमलोगों ने व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से प्रवासी मजदूरों से संपर्क साधा और उन तक राहत सामग्री पहुंचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में गांवों के मुकाबले शहरों ने अधिक परेशानी झेली है। गांवों की बात करें तो जीविका दीदी के माध्यम से बड़े पैमाने पर मास्क का निर्माण एक ओर जहां स्वावलंबन की सूचक है तो वहीं दूसरी ओर यह एक रोजगारपरक पहल भी रहा। उन्होंने कहा कि गांव में वैसी चीजें जो वहां पर सबसे ज्यादा निर्मित की जाती हों उसे और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। इस दिशा में सरकार को निश्चित रूप से ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें सत्तू, मखाना, फूलों की खेती आदि जैसे देसी चीजों को बढ़ावा देना चाहिए और इसे राष्ट्रीय स्तर से अधिक विश्व पटल पर ले जाने की जरूरत है।
अतिथि वक्ता के रूप में डीएवी पब्लिक स्कूल, मुजफ्फरपुर के प्राचार्य मनोज कुमार झा ने कहा कि बिहार में बीते 15 वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में अधिक बल दिए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। बेहतर शिक्षा, बेहतर शैक्षणिक माहौल समाज की एक महत्वपूर्ण अव्यय है। यह चीजें देश निर्माण का कार्य करती हैं। शिक्षा, सेवा और संस्कार डीएवी स्कूल का मूल मंत्र है जो अपने छात्रों में भरने का काम करती है।
वेब गोष्ठी में शामिल डॉ पल्लवी सिन्हा, एमबीबीएस, एमस, मुजफ्फरपुर ने कहा कि covid-19 को लेकर लोगों में बड़ी जागरूकता और बड़े पैमाने पर की जा रही टेस्टिंग की वजह से नई चीजें देखने को मिल रही हैं। लोग अब पहले से अधिक जागरूक हो गए हैं। लोग इस बात को जानते हैं कि वायरस का प्रवेश नाक और मुंह के द्वारा होता है, इसलिए मास्क का इस्तेमाल बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि शहरों के मुकाबले गांव में संक्रमित व्यक्ति की संख्या अधिक नहीं है। यह एक अच्छा संकेत है।
जीविका, सीतामढ़ी के प्रबंधक (माइक्रो फाइनेंस) श्री सुबीर झा ने कहा कि कोरोना काल में जीविका ने अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है। जीविका के द्वारा किए गए प्रयासों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस दौर में जीविका का सबसे महत्वपूर्ण कार्य जागरूकता फैलाना तथा ग्रामीण स्तर पर महिलाओं को सशक्त करना है। जीविका हाथ धुलाई अभियान, मास्क निर्माण जैसे कई कार्यों के जरिए ग्रामीण स्तर पर जागरूकता फैलाने और लोगों को संक्रमण से बचाने का कार्य कर रहा है।
वेब-गोष्ठी में शामिल हिंदुस्तान समाचारपत्र के सीतामढ़ी ब्यूरो प्रभारी श्री ज्ञान रंजन भारद्वाज ने अपनी बात रखते हुए कहा कि इस महामारी से निपटने में स्थानीय जन प्रतिनिधियों को और अधिक प्रयास करना चाहिए क्यूँकि उनका जुड़ाओ सीधे लोगों से होता है| साथ ही उन्होंने ने कहा कि इस महामारी में ग्रामीण अर्थ वव्यवस्था मजबूती से खड़ा रहा है जिसका परिणाम यह हुआ है कि गाँव में इस महामारी ने उतना प्रभाव नहीं डाला है, जितना इसका असर शहरी इलाकों में पड़ा है |
कार्यक्रम का संचालन श्री जावेद अंसारी, क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी, एफ.ओ.बी, सीतामढ़ी तथा धन्यवाद ज्ञापन श्री ग्यास अख्तर, क्षेत्रीय प्रचार सहायक, सीतामढ़ी ने किया | वेब-गोष्ठी में श्री विजय कुमार, निदेशक, आरओबी एवं दूरदर्शन (न्यूज), पटना, श्री दिनेश कुमार, निदेशक, पीआईबी पटना, श्री पवन कुमार, क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी, छपरा, श्री अभिषेक कुमार, क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी, भागलपुर सहित सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विभिन्न विभागों के अधिकारी- कर्मचारी तथा अन्य प्रतिभागी भी शामिल थें |