पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि युवा पीढ़ी को भरमान के लिए राज्य के उत्तरी हिस्सों में धार्मिक कट्टरपंथियों ने स्कूल स्थापित किए हैं।
बिना किसी का नाम लिए हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के प्रयास के लिए ऐसा किया गया है।
বিগত দিনের কার্যক্রমের নিয়মিত মূল্যায়নের মাধ্যমেই আগামীদিনে আরও দক্ষতার সঙ্গে কাজ করা সম্ভব। তাই প্রশাসনিক কাজের পর্যালোচনার মাধ্যমে উন্নয়নমুখী কর্মসূচীকে ত্বরান্বিত করতে আজ উত্তরকন্যায় আয়োজিত কোচবিহার, আলিপুরদুয়ার ও জলপাইগুড়ি জেলার প্রশাসনিক বৈঠকের কিছু মুহূর্ত। pic.twitter.com/TlPUisSZbk
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) October 22, 2019
समीक्षा के दौरान कही यह बात
कूच बिहार, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी जिलों के प्रशासनिक समीक्षा बैठक के दौरान शाखा सचिवालय में बनर्जी ने कहा कि एक कट्टर धार्मिक संगठन ने उत्तर बंगाल के इन तीन जिलों में कई स्कूल स्थापित किए हैं ताकि वह हमारे राज्य पर नियंत्रण रख सकें।
किया जा रहा है ब्रेन वॉश
उन्होंने कहा कि संस्थान चलाने के लिए धन बाहर से आ रहा है। इन स्कूल के शिक्षकों को छात्रों को भरमाने(ब्रेनवॉश) के लिए 20,000 रुपये महीना मिलता है।
राज्य में NRC को लेकर साजिश रच रहे हैं
प्रभा साक्षी पर छपी खबर के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि जो नागरिकता (संशोधन) विधेयक और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने की चेतावनी दे रहे हैं, वह राज्य में संकट बढ़ाने की साजिश कर रहे हैं।
सम्प्रदायिक हिंसा भड़काने का हो रहा है प्रयास
उन्होंने कहा कि ये वैसे लोग हैं जो नाम बाहर (नागरिकता सूची से) कर रहे हैं। वह एनआरसी लाने की धमकी देकर एक तबके के खिलाफ दूसरे को खड़ा कर रहे हैं। यह सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के प्रयास का हिस्सा है।
फर्जी खबरों से किया आगाह
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोगों को सोशल मीडिया पर फर्जी समाचारों को लेकर भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि परेशानी पैदा करने वाले लोग सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए फेसबुक और ट्विटर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव राजीव सिन्हा और गृह सचिव अल्पन बंदोपाध्याय और महानिदेशक वीरेंद्र को साइबर अपराध के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए कहा और सलाह दी कि अगर जरूरत पड़े तो इस खतरे से निपटने के लिए कानून में संशोधन करें।