पश्चिम बंगाल में हिंसा चरम पर, बीजेपी के 18 कार्यकर्ता गायब

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पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी और सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस यानी टीएमसी के बीच सियासी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।

बीते शनिवार रात से उत्तर 24-परगना जिले के बशीरहाट इलाके में दोनों दलों के बीच हुई हिंसा में कम से कम आठ लोगों की मौत के बाद केंद्र ने राज्य सरकार को कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने की सलाह दी है और इस हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है। दोनों दल हिंसा के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हिंसा के बाद भारी तनाव को ध्यान में रखते हुए बशीरहाट में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।

बीजेपी ने इलाके में 12 घंटे का बंद भी आयोजित किया है। पार्टी के समर्थकों ने कई जगह ट्रेनें भी रोकी हैं. राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी भी दिल्ली में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात कर उनको जमीनी स्थिति की जानकारी देंगे।

इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस घटना पर रिपोर्ट मांगी है। लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने इसे बीजेपी की गहरी साजिश करार दिया है।

उत्तर 24-परगना जिले के तहत बशीरहाट इलाके के संदेशखाली में शनिवार रात तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच हुई राजनीतिक हिंसा में कम से कम आठ लोगों की मौत के बाद इलाके में भारी तनाव है। मृतकों में बीजेपी के पांच और तृणमूल का एक कार्यकर्ता शामिल हैं. हालांकि पुलिस ने चार लोगों के मरने की ही पुष्टि की है।

लेकिन बीजेपी ने अपने पांच कार्यकर्ताओं की मौत का दावा किया है। दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि उसके एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई जबकि दो अन्य को नदी में फेंक दिया गया।

डी डब्ल्यू हिन्दी पर छपी खबर के अनुसार, बीजेपी नेता मुकुल राय दावा करते हैं, “तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने पार्टी के पांच लोगों की हत्या कर दी है और बीजेपी के कम से कम 18 समर्थक गायब हैं। राय ने शनिवार देर रात ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन पर इस घटना की जानकारी दे दी थी।

उसके बाद ही गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है। राय ने इस हिंसा के लिए सीधे मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया है।