हैदराबाद। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) अभी तक उभर नहीं पाई है।
प्रभा साक्षी पर छपी खबर के अनुसार, ऐसे में उसने अब हिन्दुत्व का रास्ता अपनाया है। आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों पर टीडीपी ने चुनाव लड़ा था, जिसमें से महज 23 सीटों पर ही जीत दर्ज की और 151 सीटों पर जीत दर्ज करने के साथ ही वाईएसआरकांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने सरकार बना ली।
लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को एकजुट करने की कवायद में जुटे चंद्रबाबू नायडू अपने प्रदेश में ही कुछ कमाल नहीं दिखा पाए और उन्हें गहरा झटका लगा।
जिससे अभी तक उबर नहीं पाए हैं। ऊपर से ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनावों ने उनके घाव और कुरेद दिए। जहां पर 2016 में महज चार सीटें जीतने वाली भाजपा ने 48 सीटों पर कब्जा कर लिया।
वहीं, 106 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने वाली तेलुगू देशम पार्टी के हाथ में एक भी सीट नहीं आई।जानकार बताते हैं कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने वाली भाजपा अब आंध्र प्रदेश में अपनी पैठ बनाने की कोशिश करने में जुटी हुई है, जो टीडीपी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
वहीं, भाजपा ने प्रदेश में सदस्यता अभियान को भी बढ़ावा दे दिया है। भाजपा की रणनीतिक समझदारियों को देखते हुए चंद्रबाबू नायडू ने अब हिन्दुत्व का रास्ता पकड़ लिया है।
टीडीपी नेताओं ने राज्य में मूर्तियों और मंदिर तोड़फोड़ का मुद्दा जोर शोर से उठा रहे हैं।
अंग्रेजी समाचार वेबसाइट द इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के लिए इस तरह की सांप्रदायिक राजनीति नई-नई है। ऐसे में टीडीपी प्रदेश में अपनी पकड़ को वापस मजबूत करने में जुटी हुई है।
भाजपा आंध्र प्रदेश में अपनी पैठ को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास में जुटी हुई है।
वहीं, टीडीपी को हिन्दुत्व की तरफ बढ़ता देख भाजपा ने अपनी रणनीति में भी बदलाव किया है और रथयात्रा निकालने की तैयारियों में जुट गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा नेताओं ने विजियानगरम के रामतीर्थम से कपिलातीर्थम तक रथयात्रा निकालने का ऐलान किया है।