Whatsapp स्टेटस में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ लिखने के आरोप में छात्र को भेजा गया जेल

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यूपी- देशद्रोह में गिरफ्तार किए गए एमआईटी के छात्र को रविवार को कड़ी सुरक्षा में जेल भेजा गया। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त आक्रोश नजर आया। वह खुद ही देशद्रोह में गिरफ्तार छात्र को सजा देना चाहते थे। थाने से लेकर जेल तक कार्यकर्ता पुलिस के साथ मौजूद रहे, लेकिन पुलिस की सतर्कता से वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके। जेल भेजा गया मुजस्सम पाकबड़ा थाना क्षेत्र के उमरी सब्जीपुर का रहने वाला है। वह एमआईटी से डीफार्मा कर रहा है। उसने अपने साथी कश्मीरी छात्र रफी फारूख से प्रभावित होकर ही व्हाट्सएप डीपी के स्टेटस पाकिस्तान जिंदाबाद लिखा था।

इसकी जानकारी पर हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल किया था। फायरिंग भी की गई थी। पुलिस ने मुजस्सम, रफी फारूख, पीटीआई अमित देवल और दो अन्य के खिलाफ देशद्रोह के मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पकड़े गए छात्र मुजस्सम को दोपहर बाद भारी फोर्स की मौजूदगी में जिला अस्प्ताल लाया गया। इसके बाद पुलिस की बंद गाड़ी में जेल भिजवाया गया। इसके बाद ही पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस सुधीर धामा ने बताया कि फरार अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तारी कर ली जाएगी।

24 घंटे के भीतर एमआईटी का बड़ा फैसला
मुरादाबाद। प्रधानमंत्री विशेष स्कॉलरशिप के तहत जम्मू-कश्मीर के छात्रों को तकनीकी समेत अन्य उच्च शिक्षा संस्थान प्रवेश देते हैं। इस प्रवेश के लिए संस्थान को पोर्टल पर हां या ना में अपना मत देना होता है। प्रवेश होने की स्थिति में छात्र के शिक्षा संबंधी व्यय जम्मू-कश्मीर की ओर से ही वहन किए जाते हैं।
शनिवार को हुए घटनाक्रम के बाद संस्थान ने अगले सत्र से जम्मू-कश्मीर छात्रों का प्रवेश न लेने का फैसला किया है। अगले सत्र में कश्मीरी छात्रों के दाखिले के लिए पोर्टल पर एमआईटी नो का विकल्प चुनेगा। इस तरह नए सत्र से जम्मू-कश्मीर के छात्रों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। एमआईटी ने देशहित में 24 घंटे के अंदर यह फैसला किया है।

एमआईटी में 5 जम्मू-कश्मीर के छात्र
मौजूदा दौर में एमआईटी में जम्मू-कश्मीर के 5 छात्र अध्ययनरत हैं। इनमें से एक छात्र काफी पहले ही व्यक्तिगत कारणों के चलते कॉलेज छोड़ चुका है। रफी फारुख को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वर्तमान में दो छात्र हॉस्टल में हैं। एक छात्र बाहर कमरा किराए पर लेकर रहता है।

कॉलेज शिक्षक के पक्ष में एमआईटी
एमआईटी में शनिवार को हुए हंगामे में हिंदू संगठनों की ओर से आरोपी बनाए गए शिक्षक अमित देवल के प्रति कॉलेज प्रशासन ने जिला प्रशासन को पत्र भेजकर उनकी प्रकरण में किसी भी तरह की संलिप्तता से इंकार किया है।

एमआईटी के मीडिया प्रभारी आलोक पांडेय ने बताया कि शिक्षक अमित देवल कॉलेज के प्राक्टोरियल बोर्ड में होने के साथ ही खेल शिक्षक हैं। शनिवार को हंगामे   प्रकरण के दौरान भी वे आरोपित छात्र को प्रदर्शनकारियों से बचाकर पुलिस को सौंपने को प्रयास कर रहे थे। शिक्षक के कॉलेज सर्विस रिकॉर्ड व उनको कॉलेज की ओर से सौंपे गए दायित्व के आधार पर कॉलेज ने उनके पक्ष में अपनी बात रखी है। दूसरी तरफ आरोपित कॉलेज शिक्षक अमित देवल ने भी कॉलेज प्रशासन को लिखे पत्र में अपनी पारीवारिक पृष्ठभूमि व देश के प्रति समर्पण की भावना को व्यक्त किया है। अमित देवल ने कहा है कि मैं एक देशभक्त हूं। मेरे पिता पुलिस सब-इंस्पेक्टर से रिटायर हैं। मेरा देश हिन्दुस्तान है। हिन्दुस्तान जिंदाबाद रहेगा।