सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय इजराइली स्पाईवेयर (जासूसी साफ्टवेयर) के मुद्दे पर व्हॉट्सएप से जवाब मांगा है। व्हॉट्सएप से अपना जवाब चार नवंबर तक देने को कहा गया है।
WhatsApp was exposed, spying Indian journalists and activists with Israeli software during 2019 Loksabha election.#journalist #India #Israel#spying#WhatsApp pic.twitter.com/lBstWK8gyK
— The Local Journalist (@JournalistLocal) October 31, 2019
वाटस्अप ने कहा..?
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, व्हॉट्सएप ने कहा है कि इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं। भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं।
WhatsApp has filed a lawsuit in a US federal court against the Israel-based software company!#software #hack #spying #india #israel #Marketingmind #whatsapp pic.twitter.com/IO5MqTJXdV
— Marketing Mind (@MarketingMind_) October 31, 2019
वाटस्अप को नोटिस जारी कर मांगा गया जवाब
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने इस बारे में व्हॉट्सएप को पत्र लिखकर अपना जवाब देने को कहा है। व्हॉट्सएप ने कहा है कि वह एनएसओ समूह के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है। यह इजराइल की निगरानी करने वाली कंपनी है।
More on surveillance in India via an Israeli software/WhatsApp. Just saying that Indians still don’t believe in state surveillance. https://t.co/sdzINIaz3v
— Paroma Mukherjee (@ParomaMukherjee) October 31, 2019
करीब 1400 लोगों के फोन हैक किए गए
समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है जिसके जरिये अज्ञात इकाइयों ने जासूसी के लिए करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं।
ये लोग बने शिकार
चार महाद्वीपों के उपयोगकर्ता इस जासूसी का शिकार बने हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं।
वाटस्अप ने नहीं किया खुलासा
हालांकि, व्हॉट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए हैं। व्हॉट्सएप ने यह भी नहीं बताया कि भारत में कितने लोगों को इस जासूसी का निशाना बनाया गया।