तो क्या अब नये तरीके से फैल रहा है कोविड-19?

,

   

अभी तक COVID-19 यानी कोरोना वायरस के बारे में ये पता चला है कि ये दो तरीकों से फैलता है। पहला, संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से हवा में बूदें रिलीज़ होती है, जो अगर आसपास खड़े व्यक्ति पर गिरीं तो वह भी इससे पीड़ित हो जाता है।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, दूसरा, कोरोना वायरस किसी ठोस सतेह पर 9 दिन तक रह सकता है। इसलिए अगर कोई व्यक्ति किसी ऐसी चीज़ के संपर्क में आता है जिस पर वायरस है, तो वहर संक्रमित हो जाएगा।

 

संक्रमण के फैलने के पीछे अभी तक इन दो वजहें थीं, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने तीसरी वजह भी ढूंढ़ ली है। इनकी मानें तो एक तीसरा तरीका भी है जिससे ये वायरस बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित कर रहा है और वह है ‘माइक्रोड्रॉप्लेट्स’।

 

जापान के राष्ट्रीय प्रसारण संगठन ‘एनएचके’ ने एक वीडियो के माध्यम से समझाया है कि कैसे COVID​​-19 वायरस एक ऐसे माध्यम से भी लोगों को संक्रमित कर रहा है, जिसके बारे में अभी तक जानकारी नहीं थी। और यही वजह है जिससे कोरोना वायरस दुनिया भर में तेज़ी से फैल गया है।

 

संक्रामक रोगों के लिए जापानी एसोसिएशन के अध्यक्ष, कज़ुहिरो टाटेडा, वीडियो में बताते हैं: “ऐसा लगता है कि ये संक्रमण बातचीत के दौरान भी फैल रहा है…और तब भी जब दो इंसान काफी दूरी पर खड़े हों।

 

काफी दूर खड़े होने पर भी अगर संक्रमण फैल रहा है, तो इसका मतलब ये सिर्फ संक्रमित बूंदे नहीं हैं, बल्कि इसके पीछे बेहद सूक्ष्म बूंदें हैं। इस तरह के प्रसारण को ‘माइक्रो-ड्रॉपलेट’ संक्रमण कहा जाता है।

 

वीडियो में, एक रिसर्च टीम, लेज़र बीम और एक हाई सेन्सिटिविटी वाले कैमरे का इस्तेमाल करके हवा में कणों को ट्रैक करने के लिए एक प्रयोग कर रही है।

 

जैसे ही एक इंसान छींकता है, तो बूंदें हवा में कई सारी सूक्ष्म बूंदें छोड़ती हैं, जो एक दूसरे इंसान को संक्रमित करने के लिए काफी देर तक हवा में रहती हैं।