विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी ‘डब्ल्यूएचओ’ के अनुसार अफगानिस्तान में लगभग 7,200 लोग एचआईवी से संक्रमित हैं।
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, रविवार को विश्व एड्स दिवस पर डब्ल्यूएचओ ने अफगानिस्तान में इस मुद्दे से निपटने के लिए अधिक व्यापक जन जागरुकता अभियान का आह्वान किया।
من با اچ آی وی متولد شدم. ما باید بیاد داشته باشیم که اچ آی وی محو نشده است و ما باید با هم به این مرض مغلوب شویم، حتی یک فرد هم نباید بجاه بماند، خصوصاً دختران، زنان و افراد جوان. دختر جوان ۲۸ ساله به نام کانسولاتا از کشور کینیا. https://t.co/znLqpak85i https://t.co/Scx0wgBHYY
— WHO Afghanistan (@WHOAfghanistan) December 2, 2019
लेकिन अफगान जनस्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि उसने देश में एचआईवी के सिर्फ 2,883 मामले दर्ज किए हैं।
जनस्वास्थ्य के उपमंत्री फिदा मोहम्मद पैकन ने कहा “हमारे आंकड़ों के अनुसार, देश में एचआईवी के 2,883 मामले पंजीकृत हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताए गए 7,200 मामले सिर्फ अनुमान हैं।“
विषाणु के फैलने के कारणों के बारे में पैकन ने कहा “जनस्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले साल एचआईवी के 183 मामले दर्ज किए थे और इस साल यह आंकड़ा घटकर 150 रह गया है।
लेकिन इस बीमारी से पीड़ित लोगों की सही संख्या पता करने के लिए हमें समग्र अध्ययन करने की जरुरत है।“
पीड़ितों ने हालांकि सामाजिक भेदभाव की शिकायतें की हैं। संक्रमित इंजेक्शन से संपर्क में आने पर एचआईवी से संक्रमित हुए मोहम्मद इदरीस ने टोलो न्यूज को बताया, “हम अपनी बीमारी और लोगों को बता नहीं सकते, इसलिए हम लोगों को बहुत परेशानियां हो रही हैं।“
एचआईवी के एक अन्य मरीज उमर ने कहा, “अगर हम अस्पताल जाकर डॉक्टरों को बताते हैं कि हम एचआईवी, एड्स से पीड़ित हैं, तो वे हमारा इलाज नहीं करते हैं।“