संसद की ओर विरोध मार्च निकाल रहे जामिया इस्लामिया के सैकड़ों छात्रों की सोमवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ भिड़ंत हो गई। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठी चार्ज किया। पुलिस और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच हुई झड़प में 10 छात्रा घायल हो गई हैं।
जामिया की छात्राओं का आरोप है कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और प्राइवेट पार्ट्स पर मारा। जामिया हेल्थ सेंटर के डॉक्टर का कहना है कि जामिया की 10 छात्रों को प्राइवेट पार्ट्स में चोट लगी है, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि कुछ छात्राओं की गंभीर चोटें आई हैं, जिसके चलते उन्हें अल-शिफा अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।
छात्राओं का आरोप है कि पुलिस ने लाठी से उनके सीने पर भी मारा है। एक छात्रा ने आरोप लगाया है कि एक पुलिसकर्मी ने उसका बुर्का हटाया और लाठी से उसके प्राइवेट पार्ट पर वार किया । छात्राओं का आरोप है कि एक महिला पुलिसकर्मी ने बुर्का हटाकर बूट से हमला किया।
अल शिफा अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि कम-से-कम 9 लोग घायल हैं, जिनमें 8 जामिया की छात्र हैं और एक स्थानीय निवासी है। उनका कहना है कि एक छात्रा को ज्यादा चोटें आई हैं और उसे आईसीयू में रखा गया है।
प्रदर्शनकारी जेबा अनहद ने कहा, ‘‘दो महीने से हम प्रदर्शन कर रहे हैं । हमसे बात करने के लिए सरकार की तरफ से कोई नहीं आया, इसलिए हम उनके पास जाना चाहते हैं ।” पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की तो उनकी धक्का-मुक्की हो गयी। कई प्रदर्शनकारी संसद की तरफ अपना मार्च जारी रखने के लिए बैरिकेड को पार कर गए।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रॉक्टर वसीम अहमद खान ने छात्रों से वापस लौट जाने और पुलिस के साथ नहीं भिड़ने की अपील की। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया, ‘‘संदेश भेजा गया है। मैं भीड़ में शामिल छात्रों से विश्वविद्यालय वापस लौटने का अनुरोध करता हूं । कानून का सम्मान करते हुए शांतिपूर्वक वापस लौट जाएं।”