मुस्लिम पक्ष का इल्ज़ाम- ‘हिंदू पक्ष से नहीं बल्कि सिर्फ़ हमसे ही सवाल किए जा रहे है’

   

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों ने आरोप लगाया कि इस मामले में हिंदू पक्ष से नहीं बल्कि सिर्फ हमसे ही सवाल किए जा रहे है

अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सितंबर, 2010 के अपने फैसले में अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में 2.77 एकड़ की विवादित भूमि को ‘राम लला’, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है।

मामले के संभावित फैसले को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट है। यही वजह है कि 10 दिसंबर तक अयोध्या जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्षकारों ने आरोप लगाया कि इस मामले में हिंदू पक्ष से नहीं बल्कि सिर्फ हमसे ही सवाल किए जा रहे है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष 38वें दिन की सुनवाई शुरू होने पर मुस्लिम पक्षकारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा, ‘माननीय न्यायाधीश ने दूसरे पक्ष से सवाल नहीं पूछे। सारे सवाल सिर्फ हमसे ही किये गये हैं। निश्चित ही हम उनका जवाब देंगे।’

धवन के इस कथन का राम लला का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने जोरदार प्रतिवाद किया और कहा, ‘यह पूरी तरह से अनावश्यक है।’

मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा, ‘जब शेड्यूल के तहत शुक्रवार की बात कही गयी थी तब मेरे रिप्लाई का वक्त नहीं रखा गया। मुझे आज के दिन के अलावा एक, डेढ़ घण्टा और चाहिए।