योगगुरु बाबा रामदेव का पतंजलि ब्रैंड एक बार फिर विवादों में घिर गया है। दरअसल, सोशल मीडिया ट्विटर पर आज #BoycottPatanjali ट्रेंड कर रहा है।
भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, जहां कई यूजर्स ने पतंजलि बायकॉट को सपोर्ट किया। हालांकि बायकॉट का सामना कर रहे पतंजलि उत्पादों को कई लोगों ने उत्तम भी बताया। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब पतंजलि के प्रोडक्ट विवादों में हों।
यहां बता दें कि इन दिनों किसान आंदोलन में सरकार को काफी आलोचलनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे में अंबानी अडाणी जैसे उद्योगपतियों के साथ पतंजलि आयुर्वेद भी लोगोंं के निशाने पर है। फिलहाल जानते हैं पतंजलि के उन उत्पादों के बारे में, जो विवादों में रहे…
पतंजलि आयुर्वेद के विवादों वाले उत्पादों के बारे में बात करें तो पतंजलि के कोरोनिल, नूडल्स जैसे प्रोडक्ट को लेकर भी सवाल उठ चुके हैं। वहीं पतंजलि को खाद्य तेलों के भ्रामक प्रचार को लेकर कंपनी को नोटिस भी मिल चुका है।
शहद पर सवालइसी माह की शुरुआत में पतंजलि की शहद पर सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) ने सवाल खड़े किए थे। CSE की ओर से शहद की मिलावट को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें बताया गया था कि आजकल कई बड़े ब्रांड शहद में मिलावट कर रहे हैं।
हालांकि, कंपनी ने इस रिपोर्ट का खंडन करते हुए कहा था कि यह दावे प्रेरित लगते हैं और इनका लक्ष्य कंपनी की छवि को खराब करना है।कोरोनिल दवा प्रतिबंधजून 2020 में पतंजलि आयुर्वेद की तरफ से तैयार कोरोनिल दवा को लॉन्च किया था।
लॉन्चिंग के वक्त रामदेव ने दावा किया था कि कोरोनिल से कोरोना मरीज ठीक हो सकते हैं।
हालांकि, आयुष मंत्रालय ने इसे बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था। केंद्रीय मंत्रालय ने कहा था, कि पतंजलि इस उत्पाद को केवल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा के तौर पर बेच सकती है।
2017 में कोलकाता के सेंट्रल फूड लैब में आंवला जूस की जांच की गई थी जिसमें यह इस्तेमाल के लिए सही नहीं पाया गया।
इसके बाद आर्मी कैंटीन में इसे बैन कर दिया गया, जिसके बाद पतंजलि ने आर्मी की सभी कैंटीनों से अपने आंवला जूस को हटा लिया था।