मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) संस्थापक कमल हासन ने बुधवार को नागरिकता (संशोधन) विधेयक की निंदा करते हुए इसे स्वस्थ व्यक्ति की सर्जरी का प्रयास करने जैसा अपराध करार दिया। हासन की यह टिप्पणी विधेयक के लोकसभा से पारित होने के दो दिन बाद राज्यसभा में चर्चा के लिये रखे जाने के बीच आई है। उन्होंने जारी बयान में कहा कि यह भारत को एक ऐसा देश बनाने की को कोशिश है जहां एक ही तरह के लोग रहें, जो भेदभाव है।
Why are Tamils who are subjected to a methodic genocide and Muslims facing discrimination, be excluded from the bill? If it’s a genuinely benevolent bill and not a vote garnering exercise, then why won’t this CAB stop to pick up stranded Tamils & troubled Muslims of Srilanka?
— Kamal Haasan (@ikamalhaasan) December 10, 2019
हासन ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम संविधान में किसी त्रुटि को सुधारें लेकिन अच्छी चीज और त्रुटि रहित व्यवस्था में सुधार लोगों और लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है। पार्टी की ओर से जारी बयान में हासन ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया विधेयक बीमारी से मुक्त व्यक्ति की सर्जरी का प्रयास करने जैसा अपराध है। उन्होंने कहा कि युवा भारत जल्द ही इस प्रस्ताव को खारिज कर देगा।’’ हासन ने केंद्र सरकार को इस तरह की किसी भी कोशिश को लेकर चेतावनी दी।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा में पारित नागरिकता (संशोधन) विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले तक धार्मिक कारणों से सताए गए हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध, जैन समुदाय के आए लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। प्रस्तावित कानून के मुताबिक उन्हें अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस इस विधेयक का विरोध कर रही है।