पश्चिम बंगाल में सीएए-एनआरसी-एनपीआर को लागू नहीं होने देंगे- ममता बनर्जी

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मतुआ समुदाय के लोग भी इस देश के नागरिक हैं और उन्हें बंगाल में रहने के लिए कोई प्रमाणपत्र नहीं दिखाना पड़ेगा।

 

जागरण डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, मतुआ समुदाय के गढ़ बनगांव क्षेत्र के गोपालनगर में गुरुवार को आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह बात कही।

 

उन्होंने कहा-‘सीएए-एनआरसी-एनपीआर के लिए दादा-दादी, नाना-नानी की जन्मतिथि बतानी होगी। मैं खुद अपनी मां की जन्मतिथि नहीं जानती।

 

आप कहां से बताएंगे? नए सिरे से किसी प्रमाणपत्र की जरुरत नहीं है। हम बंगाल में सीएए-एनआरसी-एनपीआर को लागू नहीं होने देंगे।

 

मुख्यमंत्री ने इस दिन मतुआ समुदाय के पुरोधा गुरुचांद ठाकुर व हरिचांद ठाकुर की जयंती पर सरकारी छुट्टी की भी घोषणा की। उन्होंने आगे कहा-‘भाजपा बाहर से आरएसएस के लोगों को लाकर मतुआ समुदाय के लोगों को धर्म का पाठ पढ़ा रही है।

 

अगर हमें हिंदू धर्म के बारे में कुछ सीखना ही है तो हम स्वामी विवेकानंद से सीखेंगे।

 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को बनगांव क्षेत्र के गोपालनगर में आयोजित सभा के दौरान कुछ लोगों द्वारा उन्हें प्लेकार्ड दिखाने पर भावुक होकर यह बात कही।

 

सभा के दौरान सामने बैठे कुछ लोग उनके विरोध में प्लेकार्ड दिखा रहे थे, इसपर ममता ने कहा-‘चार-पांच लोग जिस तरह से प्लेकार्ड लेकर सभा में खलल डालने की कोशिश कर रहे हैं, वह ठीक नहीं है।

 

वे सब कर रही हैं लेकिन सरकार की भी एक क्षमता है. मैं सभी को खुश नहीं कर सकतीं। मैंने अपने नौ वर्षों के कार्यकाल के दौरान जो किया है, वो कोई और करके दिखा दे तो मैं मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दूंगी।

 

ममता ने आगे कहा-कभी-कभी लगता है कि मुझे इस कुर्सी पर नहीं रहना चाहिए क्योंकि मैंने लोगों को सबकुछ दिया, फिर भी लोग संतुष्ट नहीं हैं।

 

मैं जब मेदिनीपुर गई थी, वहां मुझे लोगों ने दो बस्ते में भरकर चिट्ठियां दीं।

 

मैं जहां जाती हूं, लोग चिट्ठी पकड़ा देते हैं। मैंने राज्य के 10 करोड़ लोगों में से 9.5 करोड़ लोगों के लिए कुछ न कुछ किया है। उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ा है, लेकिन मैं सभी को खुश नहीं कर सकती।

 

कुछ लोग अपनी मांगों के लिए सभा में इस तरह से खलल नहीं डाल सकते। अगर आपकी कोई मांग है तो मुझे बताएं। इस तरह से न करें। सही में मन खराब हो गया है।

 

अगर कोई गलती हो गई है तो माफ करें। ममता ने भाजपा का नाम लिए बिना कहा-‘एक राजनीतिक दल संविधान का दुरुपयोग कर रहा है। संविधान की रक्षा करने के लिए हम सबको साथ मिलकर प्रार्थना करनी चाहिए।