ठंड में कोरोना का कद एक बार फिर बढ़ सकता है। स्वास्थ अधिकारियों ने ठंड के दौरान कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है।
नई दुनिया पर छपी खबर के अनुसार, सोमवार को कलेक्टर कर्मवीर शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में जाहिर की गई आशंका को देखते हुए कलेक्टर ने स्वास्थ्य अधिकारियों को सभी जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने कहा कि कोरोना को रोकने के लिए आक्रामक रणनीति बनाकर काम किया जाए। सक्रिय दृष्टिकोण अपनाते हुए कोरोना के बढ़ते कद को रोकने के सफल प्रयास किए जाए।
त्योहार की खरीदारी के लिए बिना मास्क और बिना दो गज की शारीरिक दूरियां बनाते हुए जिस तरह लोग त्योहारों में खरीददारी करने उमड़ रहे हैं उससे भी कोरोना के फैलाव बढ़ सकता है।
कलेक्टर ने कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए आक्रामक रणनीति अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले गंभीर रोगों से ग्रसित हर व्यक्ति की सूची प्राप्त की जाए।
उनका डेटा एकत्र किया जाए। ठंड के दिनों में बुजुर्ग, बीमार, दस साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को कोरोना से बचाने क्या उपाय करना है? कौन- कौन सी सावधानियों को बरतना है? इसके लिए हर माध्यम से सूचना लोगों तक पहुंचाई जाए।
कलेक्टर ने कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के सैंपल की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया। फीवर क्लीनिक आने वाले सर्दी-खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ वाले हर व्यक्ति का अनिवार्य रूप से सैंपल लेने के निर्देश दिए।
बैठक में सरकारी और निजी अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया गया। कलेक्टर ने कहा कि शासकीय और निजी अस्पतालों में आक्सीजन और आइसीयू बेड की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
50 बिस्तरों से अधिक क्षमता वाले निजी अस्पतालों को समय रहते एयर सेपरेशन यूनिट लगाने के निर्देश दिए जाएं। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रत्नेश कुरारिया एवं सभी विकासखंड चिकित्सा अधिकारी भी मौजूद थे।