साल 2020 में भारत में 109 बार इंटरनेट शटडाउन हुआ!

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वर्ष 2020 कोरोना के चलते वैसे भी लोगों के लिए अच्छा नहीं था। जहां लोग एक तरफ कोरोना से जूझ रहे थे वहीं इंटरनेट ने भी लोगों को परेशान कर रखा था।

दिव्या संदेश डॉट इन पर छपी खबर के अनुसार, इस दौरान यूजर्स इंटरनेट पर सबसे अधिक निर्भर थे।

इंटरनेट के जरिए ही लोग लॉकडाउन के दौरान अपने परिवार और दोस्तों के साथ कनेक्टेड रह पाए। साथ ही बच्चे अपनी ऑनलाइन क्लासेसज और बड़े अपना वर्क फ्रॉम होम कर पाए।

लेकिन फिर साल 2020 में कई बार ऐसा हुआ है कि भारत में इंटरनेट की सेवा को बाधित किया गया है। इसकी कई वजहें रहीं जिसमें से एक यह थी कि देश की कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हो रहे थे।

इसी को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें वर्ष 2020 में कितनी बार भारत में इंटरनेट को बंद किया गया इसका लेखा-जोखा दिया गया है। वर्ष 2020 में भारत में सबसे ज्यादा बार इंटरनेट शटडाउन हुआ।

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत उन 29 देशों की लिस्ट में सबसे ऊपर है जिन्होंने 2020 में यूजर्स के लिए इंटरनेट को बाधित किया है।

इस तरह की सबसे ज्यादा घटनाएं भारत में हुई हैं। वहीं, इस लिस्ट में कुछ मध्य पूर्वी देश और कुछ अफ्रीका के हिस्से शामिल हैं।

डिजिटल राइट्स एंड प्राइवेसी ऑर्गेनाइजेशन एक्सेस नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 155 बार इंटरनेट शटडाउन किया गया है जिसमें से भारत में 109 बार इंटरनेट शटडाउन हुआ।

भारत के अलावा म्यांमार, पाकिस्तान, बांग्लादेश, किर्गिजस्तान और वियतनाम में भी इंटरनेट की सेवाएं बाधित रहीं।

रिपोर्ट में कहा गया है, “वर्ष 2019 में भी भारत 121 बार इंटरनेट शटडाउन के साथ नंबर वन पर था।

भारत ने जम्मू और कश्मीर में अगस्त 2019 से स्थायी शटडाउन किया हुआ है। यहां पर यूजर्स को बेहद ही कम स्पीड उपलब्ध कराई जाती है। रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ष 2020 में भारत में लगे इंटरनेट शटडाउन के कारण कई और भी थे।

पश्चिम बंगाल में, पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन और राज्य सरकार के गृह विभाग ने 10वीं तक की परीक्षा के दौरान इंटरनेट के इस्तेमाल पर कर्फ्यू लगा दिया था।

यहां सरकार ने इंटरनेट ब्लैकआउट की शुरुआत की थी। इस दौरान कुछ घंटों के लिए इंटरनेट सेवा को बाधित किया जाता था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि 28 बार पूरी तरह से इंटरनेट ब्लैकआउट किया गया।

इस दौरान सरकार ने ब्रॉडबैंड और मोबाइल कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बाधित कर दिया था जिसके चलते लोग बिना इंटरनेट के कई दिन बिताने के लिए मजबूर रहे।

वहीं, लगभग दो वर्षों से जम्मू-कश्मीर के यूजर्स हाई-स्पीड इंटरनेट से वंचित थे। लेकिन फरवरी 2021 में यहां 4G इंटरनेट सर्विस बहाल कर दी गईं हैं।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की घोषणा से पहले जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं बाधित कर दी गई थीं। उस समय यहां के लोगों को 2G स्पीड दी जा रही थी।