कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लक्षद्वीप एडमिनिस्ट्रेटर के ड्राफ्ट रेगुलेशन के प्रपोजल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है।
भास्कर डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, इस चिट्ठी में केंद्र-शासित प्रदेश के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल के आदेशों को वापस लिए जाने की मांग की गई है।
इस आदेशों को राहुल गांधी ने लक्षद्वीप के लोगों के भविष्य को खतरा पैदा करने वाला बताया है।
राहुल गांधी ने लक्षद्वीप एडमिनिस्ट्रेटर के ड्राफ्ट रेगुलेशन के प्रपोजल को जनविरोधी, अलोकतांत्रिक और कठोर करार दिया।
मामले में प्रधान मंत्री के हस्तक्षेप की मांग करते हुए, गांधी ने कहा कि प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने निर्वाचित प्रतिनिधियों या जनता से परामर्श के बिना एकतरफा व्यापक बदलाव का प्रस्ताव रखा है।
शॉर्ट टर्म कमर्शियल गेन के लिए लाइवलिहुड सिक्योरिटी और सस्टेनेबल डेवलपमेंट को सेक्रेफाइज किया जा रहा है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि एंटी सोशल एक्टिविटी प्रिवेंशन रेगुलेशन, लक्षद्वीप एनिमल प्रिजर्वेशन रेगुलेशन ड्राफ्ट में बदलाव और शराब की बिक्री पर रोक हटाना लक्षद्वीप के स्थानीय समुदाय के सांस्कृतिक और धार्मिक तानेबाने पर हमला है।
उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, आप इसमें दखल दें और यह सुनिश्चित करें कि इन आदेशों को वापस लिया जाए।
राहुल गांधी ने कहा, महामारी के बावजूद, प्रशासन ने मछुआरों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया। विभिन्न सरकारी विभागों में संविदा कर्मियों को निकाल दिया और क्वारंटीन नॉर्म्स में ढील दी, जिससे कोविड के मामलों में घातक वृद्धि हुई।
इससे पहले, राहुल गांधी ने लक्षद्वीप के लोगों को अपना समर्थन देते हुए ट्वीट किया था, जिसमें कहा गया था कि केंद्र शासित प्रदेश समुद्र में भारत का गहना है, और “सत्ता में अज्ञानी इसे नष्ट कर रहे हैं।