साथ ही कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग और कई वकीलों को लेकर जांच के लिए कमेटी बनाई है। जिसके बाद तुरंत आश्रम का निरीक्षण किया गया।
कोर्ट ने पुलिस को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ आश्रम में जाने और निरीक्षण करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि इस पूरे निरीक्षण की वीडियोग्राफी कराई जाए। जिन तीन लड़कियों के माता-पिता कोर्ट आए हैं, उनको मुक्त करवाकर कोर्ट में पेश किया जाए।
कोर्ट ने यह निर्देश एनजीओ ‘फाउंडेशन फॉर सोशल एम्पावरमेंट’ की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में कहा गया है कि इस आश्रम में कई नाबालिग लड़कियों व महिलाओं को जबरन बंधक रखा हुआ है। इनमें कई लड़कियां 14 साल से आश्रम में कैद हैं। इस आश्रम के खिलाफ 11 एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें से सात दुष्कर्म की है।
एनजीओ ने एक पीड़ित लड़की को कोर्ट में पेश किया। उस लड़की ने बताया कि वह अपने माता-पिता के साथ 2003 में आश्रम में गई थी। उसके बाद वह एक कोर्स करने वहां गई और वहां उससे दुष्कर्म किया गया। वह किसी तरह वहां से बचकर निकली थी।
याची एनजीओ ने कहा कि आश्रम में कैद कई लड़कियां खुदकुशी कर चुकी हैं, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।